वरद चतुर्थी व्रत करता हैं सभी कष्टों का निवारण, जानें कैसे करें श्री गणेश का पूजन

आज 28 जनवरी 2020 को वरद चतुर्थी या तिलकुंद चतुर्थी का दिन हैं जो कि गणेश जी को समर्पित हैं। इस दिन किया गया गणपति जी का पूजन और व्रत बहुत लाभदायी होता हैं और घर में सुख-समृद्धि, धन-दौलत, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि की प्राप्ति भी होती है। हम आपको आज के दिन श्री गणेश का पूजन करने की पूर्ण विधि के बारे में बताने जा रहे हैं ताकि आपको इसका पूर्ण लाभ मिल सकें। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

- ब्रह्म मूहर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें, लाल रंग के वस्त्र धारण करें।

- दोपहर पूजन के समय अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें।

- संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें।

- तत्पश्चात श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं।

- अब गणेश का प्रिय मंत्र- 'ॐ गं गणपतयै नम:' बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं।

- श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्‍डुओं का ब्राह्मण को दान दें तथा 5 लड्‍डू श्री गणेश के चरणों में रखकर बाकी को प्रसाद स्वरूप बांट दें।

- पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।

- ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें।

- अपनी शक्ति हो तो उपवास करें अथवा शाम के समय खुद भोजन ग्रहण करें।

- शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें। संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करके श्री गणेश की आरती करें तथा 'ॐ गणेशाय नम:' मंत्र की माला जपें।