आज माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी हैं जिसे जया एकादशी के रूप में जाना जाता हैं। यह दिन भगवान श्री विष्णु को समर्पित होता है और आज लोग व्रत रखते हुए पूर्ण विधि-विधान से पूजन करते हैं। जया एकादशी का व्रत हर मनोकामना पूर्ण करवाता है और सभी सुखों की प्राप्ति करवाता है। आज हम आपको जया एकादशी व्रत की पूर्ण पूजन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
- जया एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु का ध्यान करें।
- तत्पश्चात व्रत का संकल्प लें।
- अब घर के मंदिर में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
- एक लोटे में गंगा जल लेकर उसमें तिल, रोली और अक्षत मिलाएं।
- अब इस लोटे से जल की कुछ बूंदें लेकर चारों ओर छिड़कें।
- फिर इसी लोटे से घट स्थापना करें।
- अब भगवान विष्णु को धूप, दीप दिखाकर उन्हें पुष्प अर्पित करें।
- अब एकादशी की कथा का पाठ पढ़ें अथवा श्रवण करें।
- घी के दीपक से विष्णु जी की आरती करें तथा विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- तत्पश्चात श्रीहरि विष्णु जी को तुलसी दल सहित तिल का भोग लगाएं।
- इस दिन तिल का दान करना अच्छा माना जाता है। अत: अपने सामर्थ्यनुसार तिल का दान अवश्य करें।
- शाम के समय भगवान विष्णु जी की पूजा करके फलाहार करें।
- द्वादशी को यानी अगले दिन सुबह किसी योग्य ब्राह्मण को भोजन करावाएं तथा दान-दक्षिणा दें। इसके बाद स्वयं भी भोजन ग्रहण कर व्रत का पारण करें।