नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा हैं जिसमें भक्तगण मातारानी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करते हैं। आज नवरात्रि का सातवां दिन है जो कि मातारानी के सातवें स्वरुप मां कालरात्रि को समर्पित होता हैं। माता के इस स्वरुप को अंधकार के नाश के लिए जाना जाता हैं। माता की विशेष कृपा पाने के लिए पूजन के बाद आरती की जानी बहुत शुभ रहती हैं। तो आइये जानते हैं मां कालरात्रि की आरती के बारे में।
कालरात्रि जय जय महाकाली काल के मुंह से बचाने वाली दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा महा चंडी तेरा अवतारा पृथ्वी और आकाश पर सारा महाकाली है तेरा पसारा खंडा खप्पर रखने वाली दुष्टों का लहू चखने वाली कलकत्ता स्थान तुम्हारा सब जगह देखूं तेरा नजारासभी देवता सब नर नारी गावे स्तुति सभी तुम्हारी रक्तदंता और अन्नपूर्णा कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ना कोई चिंता रहे ना बीमारी ना कोई गम ना संकट भारी उस पर कभी कष्ट ना आवे महाकाली मां जिसे बचावे तू भी 'भक्त' प्रेम से कह कालरात्रि मां तेरी जय