आज नवरात्रि का तीसरा दिन हैं जो कि चंद्रघंटा देवी की पूजा के लिए जाना जाता हैं। माता की पूजा और साधना करने से व्यक्ति के समस्त पाप व बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। अपने अलौकिक सौंदर्य से माता का रूप आकर्षक लगता हैं। उनका वाहन सिंह है। उनके दस हाथ हैं। हर हाथ में अलग-अलग शस्त्र हैं। वे आसुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए देवी चंद्रघंटा की आराधना के लिए आरती लेकर आए हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम पूर्ण कीजो मेरे काम चंद्र समान तू शीतल दाती चंद्र तेज किरणों में समाती क्रोध को शांत बनाने वाली मीठे बोल सिखाने वाली मन की मालक मन भाती हो चंद्र घंटा तुम वरदाती हो सुंदर भाव को लाने वाली हर संकट मे बचाने वालीहर बुधवार जो तुझे ध्याये श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय मूर्ति चंद्र आकार बनाएं सन्मुख घी की ज्योत जलाएं शीश झुका कहे मन की बाता पूर्ण आस करो जगदाता कांची पुर स्थान तुम्हारा करनाटिका में मान तुम्हारा नाम तेरा रटू महारानी 'भक्त' की रक्षा करो भवानी