भगवान विष्‍णु का रंग आखिर क्‍यों है नीला, आज हम बताते हैं आपको इसका राज

सृष्टि की बागड़ोर ब्रह्मा, विष्णु और महेश के हाथ में हैं जहाँ ब्रह्मा को सृष्टि का रचयिता माना जाता हैं और लालन पालन का कार्य विष्णु के हाथ में हैं, उस तरह रक्षाशों का संहार कर सृष्टि को बचकने का काम भगवान महेश का हैं। आप सभी यह तो जानते ही है की भगवान शिव ने जहर का प्याला पिया जिसकी वजह से उनका कंठ नीला पड़ा। लेकिन क्या आप यह जानते है कि भगवान विष्णु के शरीर का रंग नीला क्यों हैं। आज हम आपको शास्त्रों में छीपे इस राज के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते है इसके पीछे की सच्चाई के बारे में।

भगवान विष्णु जल में शेषनाग पर विराजमान रहते हैं, चूंकि आकाश के कारण जल का रंग नीला है इसलिए भगवान विष्णु का शरीर भी नीला है। इसके अलावा मान्यता यह भी है कि भगवान विष्णु ने समुद्र के नीले रंग को धारण किया हुआ है। सिर्फ भगवान विष्णु ही नहीं बल्कि इनके विभिन्न अवतार भी नीले रंग को ही धारण किये हुए हैं। कृष्ण भी जल में रहने के कारण नीला रुप धारण किये हुए हैं।

नीले रंग का यह है अर्थ

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भगवान विष्णु के शरीर का नीला रंग मनुष्य को जीवन के सकारात्मक पक्षों को दिखाता है।

- नीला रंग आकाश और शांति का प्रतीक है, इसलिए नीले रंग में भगवान विष्णु का दर्शन करने पर मन शांत रहता है।

- कहा जाता है कि जिस तरह इस नीले आकाश को परिभाषित नहीं किया जा सकता है, उसी तरह भगवान विष्णु का नीला रंग भी अपरिभाषित है।

- नीला रंग जीवन के हर उतार चढ़ाव एवं प्रत्येक परिस्थिति से लड़ना सीखाता है।

- नीला रंग को व्यक्ति अपने जीवन में भगवान विष्णु का आशीर्वाद समझकर ग्रहण कर सकता है।

- भगवान विष्णु का नीला रंग इंसान को मजबूती प्रदान करता है।