रक्षाबंधन स्पेशल : समाप्त हुआ भद्राकाल, क्यों नहीं बांधी जाती इस समय राखी

आज 3 अगस्त, सोमवार को सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का दिन रक्षाबंधन के त्यौहार के रूप में मनाया जा रहा हैं। हर बहिन शुभ मुहूर्त में अपने भाई को राखी बांधना पसंद करती हैं ताकि यह उनके जीवन के लिए मंगलकारी साबित हो। आज के दिन भद्राकाल में राखी नहीं बांधी जाती हैं क्योंकि इसे अशुभ माना जाता हैं। सुबह 7:00 बजे से 09:29 बजे तक भद्राकाल था जो अब समाप्त हो चुका है। राखी बांधने का मुहूर्त 09:30 बजे से शुरू हो गया जो 21:11 मिनट तक रहेगा। क्या आप जानते हैं कि इस भद्राकाल में राखी क्यों नहीं बांधी जाती हैं? आइये हम बताते हैं आपको इसके बारे में।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भद्राकाल में अपनी बहन भद्रा से राखी बंधवाने के कारण ही लंका के राजा रावण का अंत हुआ था। यही वजह है कि जब भद्रा लगती है तब राखी बांधने की मनाही होती है।

मान्यता के अनुसार, भगवान शनि की बहन भद्रा काफी गुस्सैल स्वभाव की थी। उग्र प्रवृति के चलते ही भगवान ब्रह्रााजी ने उन्हें श्राप दिया था कि उनके भद्राकाल में किया कोई भी काम सफल नहीं होगा इसलिए राखी के अलावा कोई भी शुभ काम तभी किया जाता है, जब भद्राकाल ना हो। यही नहीं, राहुकाल में भी किसी तरह के शुभ काम करने की मनाही होती है।

ऐसा भी माना जाता है कि भद्रा के समय भगवान शिव तांडव नृत्य करते हैं इसलिए इस दौरान सिर्फ राखी ही नहीं बल्कि कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता।