आखिर क्‍यों किया जाता है गणपति जी का विसर्जन, महाभारत से जुड़ा है इसका रहस्य

गणपति जी का आगमन गणेश चतुर्थी के दिन किया जाता हैं और उनकी स्थापना पूरी विधि पूर्वक की जाती हैं। तब से लेकर आज अनंत चतुर्दशी तक सभी गणपति जी की पूजा करते हैं और आज उनका विसर्जन बड़ी धूमधाम से कर दिया जाता हैं और जल्दी आने की गुहार लगाई जाती हैं। आप सभी गणपति जी का विसर्जनतो करते हैं लेकिन क्या आप इसके पीछे का कारण जानते हैं कि आखिर क्यों गणपति जी का विसर्जन किया जाता हैं। इसका रहस्य महाभारत से जुड़ा हुआ हैं जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में।

धार्मिक पुराणों में उनके विसर्जन के पीछे मान्यता बिलकुल अलग है। पुराणों के अनुसार श्री वेद व्यास जी ने गणेश चतुर्थी के दिन से महाभारत कथा प्रारंभ की थी और गणपति जी अक्षरश: महाभारत की इस कथा को लिखते जा रहे थे। व्यास जी आंख बंद कर कथा लगातार दस दिन तक सुनाते रहे और गणपति जी इसे लगातार लिखते ही रहे।

दस दिन बाद जब व्यास जी ने महाभारत की कथा खत्म कर आंखें खोलीं तो पाया कि गणपति जी के लगातार काम करने से उनके शरीर का तापमान बहुत बढ गया था। व्यास जी ने गणेश जी के शरीर को ठंडक देने के लिए एक सरोवर में ले जा कर खूब डुबकी लगवाई, जिससे उनका तापमान समान्य हो गया। इसलिए अनन्त चतुर्दशी के दिन गणपति जी का विसर्जन किया जाता हैं।