सोने के गहने पहनते हैं तो इन बातों का जरूर रखें ख्याल

सोने के गहने पहनने की किसकी चाह नहीं होती और महिलायें इन्हे पहनती भी जरूर हैं। महिलाओं की तो यह आभुषण पहली पंसद में से एक होता हैं। सोने के आभूषण उनके श्रृंगार में चार चांद लगा देते है,साथ ही उनकी किस्मत भी चमका सकतें हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सोना देवगुरु बृहस्पति से संबंधित धातु है। गुरु धन,धर्म और सुख वैभव प्रदान करने वाले ग्रह हैं। इसलिए किस्मत चमकाना चाहते हैं तो सोना धारण करने से पहले इन बातों को जान लीजिए।

जिन लोगों को गुस्सा अधिक आता है, उन्हें सोना नहीं धारण करना चाहिए। सोना शरीर में गर्मी को बढ़ाता है जो कि क्रोधी स्वभाव वाले व्यक्ति के लिए नुकसानदेह है। मोटे व्यक्तियों को भी सोना नहीं धारण करना चाहिए।

शादी-शुदा जोड़े को सुखी वैवाहिक जीवन के लिए पति-पत्नी दोनों को अपने गले में सोने की चेन धारण करनी चाहिए। यह आपसी प्रेम और विश्वास को बढ़ाता है ऐसा ज्योतिषशास्त्र का मत है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार नवविवाहित जोड़ों को हीरा धारण करने से बचना चाहिएए खासतौर पर कि एक संतान ना हो जाए।

गुरु को ज्योतिषशास्त्र में संतान सुख का कारक भी कहा गया है। जिन्हें संतान प्राप्ति में कठिनाई आ रही हो उन्हें चिकित्सा के साथ अनामिका उंगली में सोने की अंगूठी धारण करना चाहिए। याद रखें संतान प्राप्ति तक हीरा नहीं धारण करना चाहिए। यदि आप सोने को तिजोरी में रखते हैं तो उसे लाल कपड़े में लपेटकर रखें। इससे बृहस्पति ग्रह के अच्छे परिणाम के साथ-साथ मंगल ग्रह के भी शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं जो धन वृद्धिकारक माने गए हैं।

यदि आपको अक्सर सर्दी-जुकाम की समस्या रहती है तो अनामिका उंगली यानी रिंग फिंगर में सोना धारण करना चाहिए। ज्योतिषशास्त्र में गुरु और उसके धातु सोना को गर्म प्रकृति का माना गया है। इस धारण करने से शीत जनित रोग से बचाव होता है। सोना आपकी किस्मत को चमका सकता है और कई मामलों में आपके लिए लाभकारी हो सकता है लेकिन सोना धारण करने वाले को मांस मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए कहा जता है कि यह गुरु का धातु होने के कारण धर्म का प्रतिनिधित्व करता है।