मार्च का महीना आध्यात्म की दृष्टि से श्रेष्ठ, जानें प्रमुख व्रत एवं त्यौंहार

आज से मार्च महीने की शुरुआत होने जा रही हैं और आने वाले दिनों में कई पर्व आने वाला हैं। खासतौर से रंगों का त्यौंहार जिसका सभी को इंतजार रहता हैं। लेकिन इसी के साथ ही मार्च के इस महीने को आध्यात्म के रूप से श्रेष्ठ माना जा रहा हैं क्योंकि इस महीने में कई व्रत एवं त्यौंहार आने वाले हैं। आज हम आपको इस मार्च महीने में आ रहे व्रत एवं त्यौंहार के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

आपकी डूबती किस्मत का कारण बन सकते हैं पुराने कपड़े

इस तरह लगाए घर के मुख्य दरवाजे पर गणपतिजी की मूर्ति, दूर होंगे सभी दोष

02 मार्च, रोहणी व्रत

रोहिणी व्रत का जैन समुदाय में विशेष महत्व होता है। यह व्रत हर एक महीने में आता है। सामान्य रूप से महीने का 27वां दिन रोहिणी नक्षत्र में ही पड़ता है।

03 मार्च, होलाष्टक प्रारंभ

होलाष्टक 03 मार्च से शुरु और 09 मार्च को समाप्त होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य (शादी, विवाह, वाहन खरीदना या घर खरीदना, अन्य मंगल कार्य) नहीं किए जाते हैं।

09 मार्च, होलिका दहन

शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन की परंपरा भक्त और भगवान के संबंध का अनोखा एहसास है। होलिका में सभी द्वेष भाव और पापों को जलाने का संदेश दिया जाता है।

10 मार्च, होली

इस पावन दिन रंगों की होली खेली जाएगी।

16 मार्च, कालाष्टमी व्रत

इस दिन विशेष रूप से भोलेबाब के रौद्र रूप काल भैरव के पूजन का दिन होता है।

19 मार्च, पापमोचनी एकादशी व्रत

चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो मनुष्य भक्ति भाव से जो व्रत रखता है उसके सारे पापों का नाश होता है।

21 मार्च, शनिप्रदोष व्रत

भगवान शिव की साधना और अराधना के लिए प्रदोष व्रत काफी फलदायक है। प्रदोष काल में की जाने वाली साधना, व्रत एवं पूजन को प्रदोष व्रत या अनुष्ठान कहा गया है।

25 मार्च, चैत्र नवरात्रि प्रारंभ

चैत्र नवरात्र प्रारंभ के साथ ही हिंदू नववर्ष का आगाज भी हो जाता है। शक्ति की उपासना का महापर्व है नवरात्रि।