हर व्यक्ति की चाहत होती हैं कि वह जीवन की सभी भौतिक सुख-सुविधाओं का आनंद ले सकें। इसके लिए जरूरी होता हैं धन जो कि म्हणत और किस्मत के संयोग से प्राप्त होता हैं। ऐसे में देखा गया हैं कि व्यक्ति मेहनत तो बहुत करता हैं लेकिन उसकी किस्मत उसका साथ नहीं देती हैं जिस वजह से उसके जीवन में धन की कमी रहती है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे वास्तु उपाय बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आपके जीवन में धन प्राप्ति के संयोग बनेंगे। तो आइये जानते हैं उन उपयों के बारे में।
प्रतिदिन गौ माता के नाम की पहली रोटी
गौ में सभी भगवानों का वास बताया जाता है। शास्त्र तो यहाँ तक कहते हैं कि अगर आपने बस गौ माता की सेवा सच्चे दिल से कर ली तो आपके साथ-साथ आपकी सात पीढ़ियों को भी शांति प्राप्त होती है। गौ माता के नाम की घर में पहली रोटी बनाई जाये और नित्य रोज गौमाता को घर का कोई एक सदस्य खिलाये तो इससे धन का लाभ प्राप्त होता है।
गोमती चक्र
गोमती चक्र उपरोक्त मंत्र से या ऊँ लक्ष्मी नमः’’ से अभिमंत्रित करके लाल पोटली में बांध लें और दुकान में किसी स्थान पर रख दें। जब तक पोटली दुकान में रहेगी तो निश्चय ही व्यापार में उन्नति होगी या व्यापार रुक गया तो फिर तेजी से शुरु हो जायेगा। गोमती चक्र एक प्रकार का पत्थर है जो नदी में पाया जाता है और यह माँ लक्ष्मी से सम्बंधित होता है।
घर के द्वार पर प्रतिदिन दीपक जलना
घर में रोज सुबह और शाम पूजा जरूर होनी चाहिए और वास्तु बताता है कि सायंकाल को घर के मुख्य द्वार पर दायीं ओर एक घी का दीया जरूर जलाना चाहिए। इन दोनों कार्यों से धन के देवी लक्ष्मी जी प्रसन्न होकर व्यक्ति के पास ही रहती हैं।
घर, ऑफिस या दुकान के मुख्य प्रवेश पर गणपति जी की प्रतिमा
भगवान गणेश जी को सबसे पहले पूजे जाने का विधान तो पहले ही शास्त्रों में लिखा गया है। साथ ही साथ बताया जाता है कि गणेश जी सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का भी खात्मा करते हैं। अतः अगर आपको धन सम्बंधित समस्यायें बनी रहती हैं तो आप अपने घर, ऑफिस और अगर दुकान है तो वहां के मुख्य द्वार पर इनकी प्रतिमा का प्रयोग करें।
नित्य गणपति जी का पूजन
अर्क (अकोड़ा), छाक (छिला), खैर, अपामार्ग, पीपल की जड़, गूलर की जड़ खेजड़े की जड़, दुर्वा एवं कुशा की जड़ को एक चांदी की डिब्बी में रखकर नित्य पूजा करें। इससे नवग्रह शांत रहते हैं। घर में सुख की बढ़ोरी होती है। साथ ही साथ सभी प्रकार की धन सम्बंधित समस्याओं का भी अंत होता है।