हमारे देश की संस्कृति में अतिथि को देवता के समान माना गया हैं और उनकी सेवा के लिए लोग हमेशा तत्पर रहते हैं। घर में जब भी कोई अतिथि आता है तो सबसे पहले उसे 'अतिथि कक्ष' में बिठाया जाता है और सभी बातचीत भी वहीँ होती हैं। 'अतिथि कक्ष' ही आपके रिश्तों को मजबूत बनाने का काम करता हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि अतिथि कक्ष के वास्तु का ध्यान रखा जाए। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ही वास्तु टिप्स लेकर आए हैं जो आपकी बहुत मदद करेंगे और रिश्तों में सकारात्मकता लेकर आएँगे।
* वास्तु के अनुसार उत्तर पश्चिम दिशा में मेहमानों के लिए गेस्ट रूम बनाना शुभ रहता है।
* अतिथि कक्ष में डेकोरेशन का खास तौर पर ख्याल रखना चाहिए। सजावटी वस्तुओं में ऐसी तस्वीरें लगाने से बचें-जैसे,जंगली जानवर, रोते हुए बच्चे, नंगे बच्चे, युद्ध के दृश्य, भगवान के चित्र, पेड़ आदि के चित्र। उनकी जगह झरने का चित्र लगा सकते हैं।
* ऐसे कमरें में मेहमानों के रहने की व्यवस्था करें। जो बहुत ही साफ़ सुथरा हो और उसे देखकर अतिथि का मन खुश हो जाए।
* मेहमान के कमरे में सबसे ध्यान रखने वाली बात यह है कि यहाँ वेंटिलेशन हो जिसमें आप कमरे में अपने परिवार वालों की तस्वीर और म्यूरल व पेंटिंग आदि भी लगा सकते है।
* कभी भी गेस्टरूम में भारी लोहे का सामान नहीं रखना चाहिए, अन्यथा अतिथि को लगेगा कि उसे बोझ समझा जा रहा है। इस अवस्था में मेहमान तनाव महसूस कर सकता है।
* ग्रेस्ट रूम को कई अगल अलग तरह के मूड वाले लोग इस्तमाल करते हैं, इसलिये इसे हमेशा हल्के रंग का पुतवना चाहिये। पीला, हरा, नीला, नारंगी या लेवेंडर का लाइट शेड वास्तू के हिसाब से अच्छा होता है।
* कमरे में एक अलमारी जरूर रखें। जिसके ऊपर वाले हिस्से में मेहमान अपना सामान रख सकें और नीचे वाले हिस्सों में आप अपनी ज्यादा उपयोग में न आने वाली वस्तुएं रखें। जिससे की आपको उस अलमारी का बार बार इस्तेमाल न करना पड़े।
* मेहमान कक्ष में बैठने की व्यवस्था इस प्रकार से करें कि मेहमान से बात करते समय परिवार के मुखिया का चेहरा उत्तर-पूर्व या ईशान-कोण में रहे।
* जहाँ तक संभव हो सकें मेहमानों के कमरे के साथ ही बाथरूम बनवाएँ और अगर ऐसा संभव नहीं है तो कमरे के समीप ही बाथरूम बनवाएँ। ताकि मेहमानों को ज्यादा परेशानी न हो और वो खुशी से रह सकें।