वास्तु के अनुसार ध्यान में रखा गया दिशा ज्ञान, बनता है सफलता का कारण

किसी भी व्यक्ति के जीवन में वास्तु का विशेष महत्व होता हैं। क्योंकि वास्तु से ही जाना जा सकता है कि किस तरह से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया जा सकता हैं। वास्तु में दिशा के सम्बन्ध में बताया गया है कि हर दिशा अपने आप में एक ख़ास ऊर्जा लिए होती हैं और उस दिशा में किया गया कार्य उसकी सफलता-असफलता का कारण बन सकती है। जी हाँ, वास्तु के अनुसार हर काम की सम्पन्नता के लिए विशेष दिशा का अपना महत्व होता हैं। आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि कौनसे काम के लिए कौनसी दिशा होती है शुभ।

* पढ़ाई करते समय विद्यार्थी का मुंह पूर्व दिशा की ओर हो तो यह सबसे अच्छा माना जाता है। घर के मंदिर में पूजा करते समय व्यक्ति का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना शुभ होता है। यदि ऐसा संभव न हो तो मुंह पूर्व दिशा की ओर भी रख सकते हैं।

* दुकान या ऑफिस में काम करते समय वहां के मुखिया का मुंह हमेशा उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। इससे काम में हमेशा सफलता मिलती है।

* खाना बनाते समय ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि खाना बनाने वाले का मुंह पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर हो।

* सोते समय दक्षिण दिशा की ओर सिर होना चाहिए। इसके अलावा किसी भी अन्य दिशा में सिर करके सोना अशुभ माना जाता है।

* खाना खाते समय मुंह पूर्व और उत्तर दिशा की ओर होना सबसे अच्छा होता है। इससे शरीर को भोजन से मिलने वाली ऊर्जा पूरी तरह से मिलती है।

* किसी भी नए काम की शुरुआत उत्तर दिशा की ओर मुंह रखकर ही करनी चाहिए। उत्तर दिशा को सफलता की दिशा माना जाता है।

* घर में टी.वी. ऐसी जगह लगाना चाहिए कि टी।वी। देखते हुए घर के सदस्यों का चेहरा दक्षिण या उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर हो।

* घर की उत्तर ओर दक्षिण दिशा की ओर मेन गेट नहीं बनाना चाहिए, न ही इन दिशाओं में बालकनी होनी चाहिए। अगर ऐसा हो तो उन पर हमेशा पर्दा लगाकर रखें।