ऑफिस के लिए कुछ उपयोगी वास्तु टिप्स जिनकी मदद से आप पा सकतें है तरक्की

ऑफिस अर्थात कार्यस्थल जहां पर व्यक्ति अपनी जीवन यापन के लिए जी तोड़ मेहनत करता हैं। लेकिन अगर आपके ऑफिस का वास्तु अगर सही नहीं है तो यह आपके व्यापार में खलल पैदा करता हैं। इसलिए अपने व्यापर में उन्नति के लिए ऑफिस का वास्तु सही होना चाहिए जिससे कि घर पर भी सुख-शांति बनी रहे। तो आइये हम बताते कौन से वास्तु उपाय से आप अपने ऑफिस में उन्नति कर सकते हैं। आइये जानते हैं ऑफिस के लिए कुछ वास्तु टिप्स।

* भारतीय वास्तुशास्त्रों के अनुसार ऑफिस की बिल्डिंग के लिए उसका प्लॉट चौकोर या आयताकार होना सबसे लाभकारी होता है। अनियमित आकार के भूखंडों से बचने का सुझाव इन ग्रंथों में दिया गया है।

* कभी भी ऑफिस में बॉस का कैबिन सबसे पहले नहीं होना चाहिए। प्रवेश द्वार के समीप किसी ऐसे सहायक का कक्ष हो जो आने वालों को जानकारी उपलब्ध करवा सके।

* ध्यान रहे ऑफिस में किसी भी कमरे के दरवाजे के ठीक सामने टेबल नहीं होना चाहिए एवं दरवाजे की सीध में किसी कर्मचारी को न बैठाएं।

* वास्तु के अनुसार ऑफिस का मुख्य द्वार पूर्व और उत्तर दिशा की ओर होना शुभ माना जाता हैं।

* स्वागत कक्ष उत्तर पूर्व में उपयुक्त होगा और आगंतुकों से मिलने के लिए कक्ष उत्तर पूर्व या उत्तर पश्चिम दिशा में बनाया जा सकता है।

* कार्यालय में जल निकायों के लिए उपयुक्त स्थान उत्तर पूर्व या पूर्व की ओर है, लेकिन छत पर रखी पानी की टंकीया पश्चिम या दक्षिण पश्चिम में होनी चाहिए।

* ऑफिस में एक मंदिर उत्तर-पूर्व की दिशा में रखना शुभ माना जाता हैं। इससे ऑफिस में सकारात्मक उर्जा का संचार होता हैं।

* कभी भी ऑफिस में हरे या गहरे रंग का प्रयोग न करें। यह रंग रोशनी अधिक खाता है। सफेद, क्रीम या पीला जैसे हल्के रंग का उपयोग करना शुभ होता है।

* अधिकाधिक कर्मचारियों के संपर्क में कैशियर को न बैठाएं। कुबेर का वास उत्तर दिशा में माना गया है। इसलिए जहां तक संभव हो कैशियर को उत्तर दिशा में ही बैठाएं।

* ऑफिस के सीनियर स्टाफ के लिए दक्षिण और पश्चिम में बैठना काफी वास्तुसम्मत माना गया है। साथ ही यह भी सुझाव है कि जब वे दक्षिण में बैठे हों, उनका मुख उत्तर की ओर होना चाहिए और पश्चिम में बैठते समय पूर्व का सामना करना चाहिए। जबकि ऑफिस के जूनियर स्टाफ के लिए पूर्व और उत्तरी भाग की जगह सर्वोत्तम मानी गई है।

* शौचालय के लिए पश्चिम और उत्तर पश्चिम दिशा उपयुक्त हैं। छत की बीम के नीचे किसी भी बैठने की व्यवस्था नहीं करनी चाहिए। कार्यालय के केंद्रीय क्षेत्र को खाली रखा जाना चाहिए।