कार्यालय से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स

ऑफिस वह जगह है जहां लोग पेशेवर ढंग से अपने पेशे और व्यापार के लिए लक्षित होकर काम करते हैं। यह जगह धन सृजन के साथ-साथ प्रतिष्ठा और महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति की जगह है। वास्‍तुशास्‍त्र के अनुसार यदि ऑफिस के वास्‍तु में कोई दोष हो तो कर्मचारियों का मन काम के प्रति एकाग्रचित नहीं रहता। यहां तक कि ऑफिस में वास्तु दोष होने से कंपनी को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। वास्‍तुशास्‍त्र को अपनाकर आपके ऑफिस में शांति बनी रहेगी, धन का आगमन होगा और कर्मचारियों का मन काम में लगा रहेगा। आज हम आपको बताते हैं ऑफिस के वास्‍तु उपायों के बारे में।

# वास्तु शास्त्र के अनुसार ऑफिस का मुख्य द्वारा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए। यह दिशा ऑफिस के मुख्य द्वार के लिए शुभ मानी जाती है।

# दुकान , आफिस के मालिक को अपनी कुर्सी सदैव ऊँची रखनी चाहिए। लोहे, ऐल्युमिनियम की कुर्सी पर बैठने से व्यक्ति का कारोबार मंदा पड़ता है। अचानक से हानि का सामना करना पड़ता है। अगर कुर्सी लोहे या पाइप आदि की हो तो कुर्सी के नीचे लकड़ी का दो-तीन इंच ऊँचा चौकोर ठोस पटरा रखें। सदैव कुर्सी पर लाल, हरे, पीले रंग का आसन अथवा कुशन प्रयोग करें इससे नौकरी में प्रमोशन होता है, धन के नए स्रोत्र बनते है और कार्यक्षेत्र में विस्तार होता है।

# हमेशा पानी की व्‍यवस्‍था ईशान कोण में करनी चाहिए। ईशान में पानी तब ही शुभ होगा, जब उसका संबंध जमीन से हो। यदि धरातल से ऊंचे स्थान पर पानी रखना हो तो अपनी सुविधानुसार किसी भी स्थान पर रख सकते हैं।

# ऑफिस के सीनियर स्टाफ के लिए दक्षिण और पश्चिम में बैठना काफी वास्तुसम्मत माना गया है। साथ ही यह भी सुझाव है कि जब वे दक्षिण में बैठे हों, उनका मुख उत्तर की ओर होना चाहिए और पश्चिम में बैठते समय पूर्व का सामना करना चाहिए। जबकि ऑफिस के जूनियर स्टाफ के लिए पूर्व और उत्तरी भाग की जगह सर्वोत्तम मानी गई है।

# ऑफिस का दरवाजा किसी अन्य ऑफिस के सामने, कैन्टीन या टेलीफोन बूथ के सामने होना उचित नहीं होता। यह वास्तु के अनुसार शुभ नहीं माना जाता।

# वास्तु शास्त्र के अनुसार ऑफिस के मालिक और सर्वोच्च व्यक्ति का केबिन दक्षिण या पश्चिम भाग में बनाना चाहिए। मालिक की कुर्सी का मुंह पूर्व या उत्तर की ओर और आगन्तुकों का मुंह पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है।