प्लाट खरीदतें समय वास्तु से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान...

आप हमेशा अपना घर खरीदने या निर्माण कराने के समय वास्तु का विशेष ध्यान रखते हैं। वास्तु अनुरूप घर के प्रवेश द्वार से लेकर साज-सज्जा तक आप नियमों को फॉलो करते हैं। लेकिन अगर आप कोई प्लॉट खरीद रहें हैं तब भी वास्तु का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक होता है। क्यूंकि यदि आपका प्लाट वास्तु शास्त्र के नियमों से परे है तो एक अच्छी वास्तु अनुसार कंस्ट्रक्शन भी बहुत अच्छा प्रभाव नही देगी। और एक अच्छे प्लाट पर एक वास्तु दोष पूर्ण रूप से बुरा प्रभाव नही देगा। तो आइये जानते हैं प्लाट लेते समय किस तरह के वास्तु का हमें ध्यान रखना चाहिए।

* मकान या प्लॉट को खरीदने से पहले जान लें कि वहाँ की भूमि उपजाऊ है या नहीं। अनुपजाऊ भूमि पर भवन बनाना वास्तु शास्त्र में उचित नहीं माना जाता है।

* तिकोना प्लाट भवन निर्माण के लिए अनुपयुक्त माना जाता है। प्लाट की लंबाई उत्तर-दक्षिण दिशा की बजाय पूर्व-पश्चिम दिशा में अधिक होना शुभ माना जाता है।

* कई वास्तु विशेषज्ञों का यह मानना है कि प्लाट में कोई पुराना कुंवा है, और उसे मिट्टी से भरकर बंद कर दिया गया हो या फिर उस प्लाट पर पहले कोई श्मशान था, वह प्लाट शुभ फल दायक नहीं हो सकता है।

* आप जब भी कोई प्लॉट खरीद रहें हो तो उसके आस-पास श्मशान या कूड़ाकरकट एकत्रित करने वाली जगह न हो इसका ध्यान रखना चाहिए। इन दोनों जगह पर कभी भी प्लॉट नहीं खरीदना चाहिए अन्यथा आपका परिवार अस्वस्थ और घर में दरिद्रता का वास बढ़ता है।

* यदि प्लाट के उतर-पूर्व मे कोई पानी का स्थान हें तो यह शुभ होगा पर दक्षिण-पशिम दिशा मे पानी का स्थान कदापि नहीं होना चाहिए।

* किसी भी मोहल्ले या कालोनी की मोड़ अथवा गली में प्लॉट खरीदना हानिकारक होता है। यदि आप घर बनाने के लिए प्लॉट खरीद रहें हैं तो इन जगहों पर चहल-पहल होने के कारण घर की शांति भंग होती है। लेकिन घरेलु व्यवसाय या किसी दुकान के लिए इन जगहों को उपयुक्त एवं शुभ माना जाता है।

* प्लाट समतल होना चाहिए, यही प्लाट समतल नहीं हे पर ढलान उत्तर या पूर्व दिशा की और होना चाहिए। दक्षिण या पशिम दिशा की और का ढलान नहीं होना चाहिए।

* बिजनेस पर्सन के लिए दक्षिण मुखी प्लॉट खरीदना शुभ होता है इससे आपके बिजनेस को ग्रोथ मिलता है एवं वित्तीय बाधाएं दूर होती है।