घर के मुख्य द्वार से जुडें vastu के बारें में कुछ खास बातें

वास्तुशास्त्र के अनुसार किसी भी भवन या ऑफिस के मुख्य द्वार का बहुत महत्व होता है। प्रवेश द्वार भवन का अहम भाग होता है। कहते हैं कि आरंभ अच्छा तो अंत अच्छा। जिस तरह भवन निर्माण से पूर्व भूमि का पूजन किया जाता है, उसी तरह भवन की चौखट अर्थात द्वार प्रतिस्थापना के समय भी पूजा की जाती है और प्रसाद वितरित किया जाता है। मतलब यह कि भवन निर्माण में प्रवेश द्वार का विशेष महत्व होता है।

घर की खुशहाली के लिए परम आवश्यक है कि सबसे पहले उसके मुख्य द्वार की दिशा और दशा को बिलकुल ठीक किया जाए। घर में सुख-शांति, समृद्धि, धन-वैभव व ख़ुशहाली चाहते हैं तो मुख्यद्वार बनवाते समय वास्तु के कुछ नियमों का पालन करें और घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाएं।

# घर के मुख्य द्वार के ठीक सामने आपको छ: छड़ों वाली धातु की बनी विंड शाइम जरूर लगाएं। इस खनखनाहट से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर दूर रहती है। यह किसी भी प्रकार के वास्तु दोष को दूर कर सकता है।

# इस बात के ओर अवश्य ध्यान देना चाहिए कि आपके घर के मुख्य दरवाजे का रंग महरून, पीला या लाल होना चाहिए। अगर यह संभव ना हो तो दरवाजे के ठीक सामने इसी रंग की कोई पेंटिंग लगा लें।

# घर में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहे इसके लिए मुख्यद्वार पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। इसके साथ शुभ-लाभ का चिह्न बनाना धनात्मक ऊर्जा का सूचक है।

# घर में सदैव गणेशजी की कृपा बनी रहे अौर धन में बढ़ौतरी होती रहे इसके लिए घर के मुख्यद्वार पर श्रीगणेश का चित्रपट एवं स्वस्तिक या अपने धर्मानुसार कोई भी शुभ या मंगल चिह्न अवश्य बनाएं।

# मकान के ठीक सामने विशाल दरख्त न हो तो बेहतर। विशाल दरख्त से पड़ने वाली छाया मकान में निवास करने वाले सदस्यों पर शुभ प्रभाव नहीं डालती।

# यदि प्रवेश द्वार उत्तर व पश्चिम दिशा में है तो ये आपको समृद्घि तो प्रदान करता ही है, यह भी देखा गया है कि यह स्थिति भवन में रहने वाले किसी सदस्य का रुझान अध्यात्म में बढ़ा देती है।

# प्रमुख प्रवेश द्वार अन्य दरवाज़ों से ऊंचा और बड़ा भी होना चाहिए यानी घर के मुख्यद्वार का आकार हमेशा घर के भीतर बने अन्य दरवाज़ों की तुलना में बड़ा होना चाहिए।

# दरवाज़े जहां तक हो अंदर की ओर ही खुलने चाहिए। बाहर खुलने से हर कार्य में बाधा व धीरे-धीरे धनहानि होकर धनाभाव शुरू हो जाता है।

# मुख्य द्वार के बाहर ऊपर की ओर वंदनवार लगाना फायदेमंद होता है। यदि यह वंदनवार अशोक वृक्ष के पत्तों से बनी हो तो और ज्यादा लाभ मिलेगा। अगर यह भी संभव ना हो तो बाजार से उपलब्ध वंदनवार को घर के मुख्य द्वार पर टांगें।