वास्तु के अनुसार ऐसा होना चाहिए बच्चों का स्टडी रूम

प्रत्येक अभिवावक की आकांक्षा होती है कि वह अपनी सन्तान को हर सम्भव साधन जुटाकर बेहतर से बेहतर शिक्षा उपलब्ध करा सके जिससे उसके व्यकितत्व में व्यापकता आये और वह स्वंय जीवनरूपी नैय्या का खेवनहार बनें। बहुत से अभिभावक ऐसे होते हैं जिन्हें वैसे तो अपने बच्चों से कोई शिकायत नहीं होती, लेकिन उन्हें बस एक ही टेंशन रहती है कि उनके बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता। उनका बच्चा एक आदर्श संतान होने के बावजूद अपने माता-पिता की उस ख्वाहिश को पूरा कर पाने में असमर्थ साबित हो रहा होता है जो वाकई उनके लिए बहुत महत्व रखती है।

अगर आपका बच्चा भी कुछ ऐसे ही हालातों का सामना कर रहा है तो हो सकता है इसमें उसकी गलती ना हो वरन् आपके घर का वास्तु इन सबके लिए जिम्मेदार है । आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपका स्टडी रूम किस तरह का हो वास्तु के मुताबिक।

* अध्ययन कक्ष में किताबों की अलमारी को पूर्व या उत्तर दिशा में बनायें तथा उसकी सप्ताह में एक बार साफ-सफार्इ अवश्य करनी चाहिए। अलमारी में गणेश जी की फोटो लगाकर नित्य पूजा करनी चाहिए।

* अध्ययन कक्ष भवन के पश्चिम-मध्य क्षेत्र में बनाना अतिलाभप्रद है। इस दिशा में बुध, गुरु, चंद्र एवं शुक्र चार ग्रहों से उत्तम प्रभाव प्राप्त होता है। इस दिशा के कक्ष में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को बुध ग्रह से बुद्धि वृद्धि, गुरु ग्रह से महत्वाकांक्षा एवं जिज्ञासु विचारों में वृद्धि, चंद्र ग्रह से नवीन विचारों की वृद्धि और शुक्र ग्रह से प्रतिभा वक्तृत्व एवं लेखन कला में निपुणता और धन वृद्धि होती है।

* इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि पढ़ाई का कमरा शौचालय के नीचे कदापि ना हो। ऐसा होने से कमरे के भीतर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहता है जो बच्चे के ध्यान में बाधा बनती है। यह भी अवश्य ध्यान में रखना चाहिए कि शीशे के सामने बैठकर पढ़ने या फिर किताबों पर प्रतिछाया पड़ने से बच्चे के मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है।

* स्टडी रूम में पढऩे के लिए मेज कभी भी कोने में नहीं होनी चाहिए। मेज या टेबल हमेशा रूम के बीच में दीवार से थोड़ी हटकर होनी चाहिए। स्टडी टेबल पर पर्याप्त लाइट होनी चाहिए। लाइट पीछे से आनी चाहिए न की सामने से।

* अध्ययन कक्ष की रंग संयोजना सफेद, बादामी, फीका आसमानी या हल्का फिरोजी रंग दीवारों पर और टेबल-फर्नीचर पर श्रेष्ठ है। खास कर अध्ययन कक्ष में काला, लाल, गहरा नीला रंग नहीं होना चाहिए।

* पढ़ाई के कमरे में रोशनी और प्राकृतिक उजाले का होना बहुत जरूरी है। अगर ऐसा होता है इसका सकारात्मक प्रभाव बच्चे की पढ़ाई पर साफ नजर आएगा।

* फेंगशुई के अनुसार स्टडी टेबल पर ऐमेथिस्ट या क्रिस्टल का एज्युकेशन टॉवर रखें, जिससे जीवन में आगे बढऩे की प्रेरणा मिलती है। स्टडी टेबल के ऊपर पिरामिड भी लगा सकते हैं। इससे पिरामिड की दीवारों से ऊर्जा टकराकर पढऩे वाले के सिर पर पड़ती है, जिससे उसकी याददाश्त बढ़ती है।