आपके व्यक्तित्व को दर्शाता है घर में बना स्वागत कक्ष, जाने इससे जुडें कुछ खास वास्तु टिप्स

स्वागत कक्ष अर्थात ड्राइंग रूम किसी भी घर के बारे में बहुत कुछ बताता हैं, क्योंकि घर पर आने वाले किसी भी मेहमान को ड्राइंग रूम में ही बिठाया जाता हैं। हर मेहमान ड्राइंग रूम को देखकर ही गृह मालिक के व्यक्तित्व के बारे में अंदाजा लगाता हैं। वास्तुशास्त्र में माना जाता है कि अगर ड्राइंग रूम को वास्तु के अनुसार रखा जाये तो पूरे घर में सकारात्मकता का संचार होता हैं और परिवार में सुख-शान्ति और समृद्धि बनी रहती हैं। इसलिए आज हम आपको ड्राइंग रूम से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं उन टिप्स के बारे में।

* ड्राइंग रूम भवन के वायव्य कोण, उत्तर दिशा, पूर्व एवं ईशान कोण के मध्य बनाना चाहिए।

* वास्तुशास्त्र के मत के अनुसार स्वागत कक्ष में फर्नीचर की व्यवस्था इस प्रकार से करनी चाहिए कि नाश्ता आदि के लिए टी-टेबल वर्गाकार अथवा आयताकार होनी चाहिए।

* स्वागत कक्ष में यदि घड़ी लगनी है तो उत्तर या पूर्व की दीवार पर लगाये।

* ड्राइंग रूम में फर्नीचर रखते समय इस बात का ध्यान जरूर रखे कि घर का मालिक का बैठते समय मुख पूर्व या उत्तर की तरफ ही हो।

* ड्राइंग रूम में टेलीफोन को दक्षिण पश्चिम कोने (नैत्रत्य कोण) में रखें और टीवी दक्षिण की दीवार में ठीक रहता है इसके अतिरिकत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण दक्षिण पूर्वी कोने (आग्नेय कोण) में रखें। ।

* वैसे तो स्वागत कक्ष में भारी सामान रखना नही चाहिय यदि अलमीरा आदि रखनी हो तो दक्षिण या पश्चिम की दीवार से सटाकर रखे।

* स्वागत कक्ष में स्त्रियों के भड़कीले चित्र, क्रूर जानवरो व वीभत्स चित्र आदि नहीं लगाने चाहिये। जहां तक हो सके स्वागत कक्ष ही नहीं अपितु सारे भवन में सौम्य चित्र ही लगाने चाहिये।

* ड्राइंग रूम में यह ध्यान रहे कि प्राकृतिक रौशनी पर्याप्त मात्रा में रहे, इसके लिए ड्राइंग रूम की उत्तरी या पूर्वी दीवार में बड़ी खिड़कियां अवश्य ही बनानी चाहिए।

* ड्राइंग रूम का द्वार उत्तर दिशा में होना अति शुभ रहता है पूर्व दिशा में भी द्वार रखा जा सकता है, परन्तु इसके अतिरिक्त किसी भी अन्य दिशा में बैठक कक्ष का द्वार नहीं रखना चाहिए।