इन वास्तु उपायों की मदद से लगने लगेगा बच्चों का पढ़ाई में मन, बनेंगे विलक्षण प्रतिभा के स्वामी

अक्सर देखा गया है कि माँ-बाप अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित होते हैं, क्योंकि बच्चों का मन पढ़ाई में कम और खेल-कूद में ज्यादा लगता हैं। हांलाकि केवल पढ़ाई ही जीवन में सबकुछ नहीं है लेकिन जरूरी भी हैं। बच्चों का पढ़ाई से पीछा छुड़ाने का एक कारण उनके कमरे से जुड़ा वास्तु भी हो सकता हैं। जी हाँ, वास्तुदोष के कारण भी यह स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसे वास्तु उपाय लेकर आए है जिनकी मदद से बच्चों का मन पढ़ाई में लगने लगेगा और वे विलक्षण प्रतिभा के स्वामी बनेंगे। तो आइये जानते है इन वास्तु उपायों के बारे में।

* अपने अध्ययन कक्ष में मां सरस्वती का छोटा-सा चित्र लगाएं। पढ़ने के लिए बैठने से पूर्व माता के समक्ष कपूर का दीपक जलाएं अथवा तीन अगरबत्ती जलाकर हाथ जोड़ कर माता से प्रार्थना करें। फिर पढ़ाई शुरू करें।

* एक थाली में केसर में गंगाजल मिलाकर बनी स्याही से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। उस पर नैवेद्य चढ़ाएं। सामने शुद्ध घी का दीपक जला कर रखें। मां सरस्वती की स्तुति करें। इसके बाद थाली में जल मिलाकर गिलास में डालकर पी लें। ऐसा करने से शिक्षा के क्षेत्र में पूर्ण उन्नति होती है।

* एक हरे रंग के तोते वाला पोस्टर खरीद कर घर लेकर आए और उसे उत्तर दिशा में लगा दें। वास्तु शास्त्र के अनुसार तोते की फोटो को उत्तर दिशा में लगाने से आपके बच्चों की पढ़ाई में रूचि बढ़ने लगेगी, साथ ही उसके स्मरणशक्ति में भी बढ़ोतरी होगी। तोता पालने से भी बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है। कुछ ही दिनों में आपको इसका परिणाम दिखाई देगा कि आपके बच्चे का मन पढ़ाई के प्रति जागृत हो गया है। अब वह खेलने-कूदने के साथ-साथ पढ़ाई में भी उतनी ही दिलचस्पी लेगा।

* ज्यादातर बच्चे आलस के कारण अपनी पढाई में ध्यान नही दे पाते, अगर आपके बच्चे के साथ भी ऐसा है तो आप बच्चे को पंचमेश रत्न ताम्बे या नवमेश रत्न को सोने में धारण करके लें। आप बच्चे को खाने में नमकीन की जगह मीठा खिलाएं, इससे बच्चे का आलस दूर होता है।

* जब भी आप पढाई करने बैठे तो उससे पहले 5 तुलसी के पत्तों को अपने मुहँ में रखें, इस तरह आपकी एकाग्रता बढती है और भगवान गणेश भी आपसे खुश होते है और खुश होकर वे आपको ज्ञान, बुद्धि और सफलता का आशीर्वाद देते है।

* पढाई में मन लगाने और अपनी एकाग्रता को बढाने के लिए आप त्राटक योग भी करें। इस योग को करने के लिए आपको एक दीपक को जलाना है और उस दीपक की लौ पर अपना ध्यान तब तक केन्द्रित करना है, जब तक की आपकी आँखों में आंसू ना आ जाएँ। ये साधना मन और बुद्धि दोनों को एकाग्र करती है व नेत्र रोगों और आलस को दूर करती है।

* परीक्षाओं से पांच दिन पूर्व से बच्चों को मीठा दही नियमित रूप से दें। उसमें समय परिवर्तन करें। यदि एक दिन सुबह 8 बजे दही दिया है तो अगले दिन 9 बजे, उसके अगले दिन 10 बजे, उसके अगले दिन 11 बजे दें। इस क्रिया को दोहराते रहें और प्रतिदिन एक घंटा बढ़ाते रहें।