वास्तुदोष लाता हैं घर में कलह-कलेश, इसे दूर करने के लिए करें ये उपाय

वास्तु का व्यक्ति के जीवन में बड़ा महत्व होता है क्योंकि यह जीवन में होने वाले सकारात्मक और नकारात्मक कार्यों के लिए उत्तरदायी होता हैं। वास्तु में उत्पन्न हुए दोष खराब सेहत, धन हानि, कलह-कलेश जैसी कई अप्रिय घटनाओं का कारण बनता हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि समय रहते वास्तुदोष को दूर कर जीवन में सकारात्मकता लाते हुए सुख-शांति पाई जाए। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं जिनकी मदद से वास्तुदोष को शांत किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।

दीवारों का रंग हो ऐसा

किचन व घर की दीवारों पर लाल रंग नहीं लगाना चाहिए क्योंकि यह उग्रता और रक्त का प्रतीक है। घर हल्के रंग जैसे नीला,पीला और क्रीम करवाना शुभ माना जाता है।

मछलियां को खिलाएं भोजन

अगर घर में एक्वेरियम रखा है तो मछलियों को रोजाना भोजन खिलाएं। साथ ही ध्यान रखें कि फिश टैंक में मछलियों की संख्या 9 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसमें भी एक काली व बाकी गोल्डन मछलियां रखें।

विपत्तियों से मिलेगा छुटकारा

घर का मेन गेट दक्षिण-दिशा में नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा है तो मुख्य द्वार के ऊपर पंचमुखी हनुमान की मूर्ति लगाएं। इससे सभी वास्तुदोष खत्म हो जाएंगे।

इस दिशा का रखें ध्यान

सीढ़ियों के नीचे ना ही तो बाथरूम या टॉयलेट बनवाएं और ना ही किसी तरह कोई सामान रखें। इससे घर में वास्तुदोष बढ़ता है।

पौधे लाते हैं खुशहाली

कभी भी गार्डन में कांटेदार पौधे ना लगाएं। साथ ही आंगन में तुलसी का पौधा लगाएं और रोज उसकी पूजा करें। इससे आपके घर में खुशहाली और सुख-समृद्धि आएगी। इसके अलावा घर के बाहर और ऊपर बड़े पत्ते वाले पौधे रखें, खुशहाली आएगी।

न लगाएं ऐसे चित्र

गणेश जी की ऐसी प्रतिमा घर में ना रखें, जिसमें उनकी पीठ घर के अंदर की ओर हो। इसके अलावा घर में कभी भी हिंसक, डूबती नांव या सूरज की तस्वीर भी ना लगाएं। पूर्व दिशा में उगते हुए सूरज की पेंटिंग लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

किचन में रखें इन चीजों का ध्यान

रसोई में कभी भी सिंक और गैस सिलेंडर एक साथ न रखें। इसके अलावा रोटी बनाने के बाद तवे को ऐसी जगह पर रखें, जहां से वो किसी को दिखाई ना दें। ध्यान रहें कि तवे को उल्टा करके ना रखें।

मंदिर की सही दिशा

घर में मंदिर हमेशा पूर्व, उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में ही स्थापित करें। इसके अलावा मंदिर में कोई भी खंडित मूर्ति या पुराने फूल ना रखें।