घर की दिशा में पनपे वास्तुदोष से जुड़ी होती हैं जीवन की परेशानियां, जानें इसके बारे में

वास्तु शास्त्र में कई बातें बताई गई हैं जो जीवन को संवारने का काम करती हैं। वास्तु के अनुसार दो प्रकार की ऊर्जा होती हैं एक सकारात्मक और दूसरी नकारात्मक। दोनों में से घर में जो प्रभावी होती हैं माहौल भी वैसा ही उत्पन्न हो जाता हैं। सकारात्मक ऊर्जा खुशियां तो नकारात्मक ऊर्जा परेशानियां लेकर आती हैं। इसमें घर की दिशा का बहुत महत्व होता है जो देवी-देवताओं से जुड़ी होती हैं। घर की दिशाओं में उत्पन्न हुआ वास्तुदोष ही आपके जीवन में परेशानियां लेकर आता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस परेशानी में कौनसा वास्तुदोष उत्पन्न हॉट हैं जिसे जानकर दूर किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में...

सेहत संबंधी समस्या

जिन घरों में अक्सर परिवार के सदस्य बीमार रहते हैं उनके घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में कोई वास्तु दोष हो सकता है।

घर में संतान न होने का दोष

कई परिवारों में विवाह होने के वर्षों बाद तक कोई संतान नहीं हो पाती और पति-पत्नी संतान सुख से वंचित रहते हैं। वास्तु शास्त्र में बताया गया कि जिस घर में संतान सुख पाने का अभाव रहता है उस घर के मध्य भाग में कोई वास्तु दोष होता है। घर के मध्य हिस्से पर भगवान बृहस्पति और भगवान ब्रह्रा का आधिपत्य होता है। ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति वैवाहिक जीवन और संतान सुख के कारक होते हैं। ऐसे में आप अपने घर मध्य भाग के वास्तु दोष को दूर कर संतान सुख का आनंद प्राप्त कर सकते हैं।

लगातार काम बिगड़ने का दोष


अक्सर यह देखने में आता है कि कोई व्यक्ति किसी काम को पूरी मेहनत और लगन से करता है लेकिन फिर भी उसे उस काम में सफलता नहीं मिलती या फिर आखिरी मौके पर बना बनाया काम बिगड़ जाता है। ऐसा होने का मतलब है उस व्यक्ति के घर के मध्य भाग में किसी तरह का कोई वास्तु दोष मौजूद है। दरअसल घर के मध्य भाग में अगर कोई भारी वस्तु या शौचालय मौजूद है तो यहां पर हमेशा नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है जिस कारण से व्यक्ति के काम में लगातार बाधाएं आती हैं।

धन का संचय न होना

कई बार आप खून-पसीना बहाकर लगातार मेहनत करते हुए धन अर्जित करते है, लेकिन इसके बावजूद आपको हमेशा आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा धन का संचय भी नहीं हो पाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार इस तरह की परेशानी होने का मतलब है आपके घर के नैऋत्य कोण ( दक्षिण-पश्चिम दिशा) में वास्तु दोष है। वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार या खिड़की नहीं होनी चाहिए।

मनमुटाव का कारण


जब अक्सर परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारी में आपका किसी न किसी से मनमुटाव रहता हो तो इसका मतलब आपके घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में कोई न कोई वास्तु संबंधी दोष है। आप इसे फौरन दूर कर राहत पा सकते हैं।