आपको कर्जदार बनाता हैं घर का वास्तु दोष, जानें और करें इन्हें दूर

हर व्यक्ति चाहता हैं कि उसका जीवन बिना कर्ज के निकले और उसे किसी से उधार लेने की जरूरत ना पड़े। इसमें आपके घर का वास्तु भी बहुत जिम्मेदार होता हैं। जी हां, वास्तु में कई ऐसी चीजें बताई गई हैं जिनसे वास्तुदोष उत्पन्न होता हैं और यह आपको कर्जदार बनाने का काम करता हैं। इन वास्तुदोष से घर में धन का आगमन होना रूक जाता हैं और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं वास्तुदोष के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें दूर कर आप परेशानियों से निजात पा सकते हैं।

जलीय स्रोतों की यह स्थिति बनाती है कर्जदार

वास्तु शास्त्र के अनुसार, आपके घर में स्थित पानी का टैंक, बोरिंग, सेप्टिकटैंक आदि पानी से संबंधित चीजें मध्यपूर्व से लेकर पूर्वी ईशान, उत्तरी ईशान और घर के मध्य भाग में स्थित हैं तो यह वास्तु दोष उत्पन्न करता है। इनकी उपस्थिति आर्थिक संकट और मानसिक तनाव को बढ़ाती है। वास्तु के अनुसार, घर में पानी की सही दिशा ईशान कोण अत्यंत शुभ माना जाता है।

कर्जदार बनाती है पानी की यह स्थिति

अगर आपके घर में नल या टंकी से पानी टपकता रहता है तो यह सही नहीं माना जाता है। इसको तुरंत ठीक करा लेना चाहिए। माना जाता है कि टपकता हुआ पानी घर की समृद्धि और धन को अपने साथ बहा ले जाता है। साथ ही धन के व्यय में वृद्धि और घनहानि करता है। इसलिए इनको हमेशा ठीक रखना चाहिए।

ऐसा हो घर और व्यवसाय स्थल का फर्श

अगर आपका शौचालय ईशान कोण में स्थित है तो यह वास्तु दोष उत्पन्न करता है। इससे आर्थिक संकट उत्पन्न होता है और धीरे-धीरे समस्याएं बढ़ने लगती हैं और व्यक्ति को कर्जदार बनाती हैं। वहीं आपके घर या व्यवसाय स्थल का फर्श अगर रोड से नीचा है तो यह आय में कमी उत्पन्न करता है और कर्ज लेने के लिए मजबूर करता है। हमेशा घर या व्यवसाय स्थल का फर्श रोड से ऊंचा होना चाहिए।

छत की यह स्थिति कर्ज में करती है वृद्धि

घर की छत पर कभी भी कबाड़ नहीं रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार, छत पर रखा कबाड़ आपके सिर पर बोझ बढ़ाता है और कर्ज में भी वृद्धि करता है। अगर आपकी छत पर कबाड़ है तो उसे हटा दें और वहां साफ-सफाई रखें। वहीं उत्तर और ईशान कोण में साफ-सफाई न होना भी नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है और कर्जदार बनाने के लिए उत्तरदायी होता है।

इसलिए महत्वपूर्ण है ईशान कोण

घर की पूर्व, उत्तर और ईशान कोण में किसी भी तरह के वास्तु दोष को न रहने दें। इन स्थानों पर वास्तु दोषों को निराकरण कर धन संबंधित समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है। पूर्व और उत्तर दिशाएं जहां पर मिलती हैं उस स्थान को ईशान कोण कहा जाता है। यह स्थान भगवान शिव का माना जाता है। जलीय स्रोतों के अलावा पूजा स्थान के लिए भी ईशान कोण को विशेष महत्व दिया जाता है।