विद्या की देवी मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में वसंत पंचमी पर्व मनाया जाता हैं। इस दिन मां सरस्वती का पूजन किया जाता हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता हैं। इस दिन सुबह-सुबह नहाकर मां सरस्वती की वंदना की जाती हैं और वाद्य यंत्र और किताबें रख बच्चों के साथ पूजा स्थल पर वंदन किया जाता हैं। वसंत पंचमी पूजन के दौरान कई चीजों को शामिल किया जाता हैं और गलतियां करने से बचना चाहिए। आइये जानते हैं इसके बारे में।
पीली बूंदी
जब बात पूजा की हो रही है तो देवी को प्रसाद का भोग लगाए बगैर पूजा अधूरी है। मां सरस्वती को पीले रंग की बूंदी बहुत प्रिय है। देवी सरस्वती को पीली बूंदी अर्पित करने से आपके जीवन में आने वाली हर बाधा दूर होती है।
पीला रंग
मां सरस्वती को पीला रंग बहुत प्रिय है। ऐसे में इस दिन पूजा की थाली में पीले रंग के फूल जरुर रखें। पीले फूलों के साथ केसर और हल्दी भी जरुर रखें। ऐसा करने से मां सरस्वती की अपार खुशी आप और आपके परिवार पर सदैव बनी रहेगी। खासतौर पर बच्चों के ज्ञान और पति के कारोबार मे तरक्की मिलेगी।
कॉपी-पेन
अगर संभव हो सके तो इस खास दिन मां सरस्वती को चांदी का एक पेन जरुर अर्पित करें। ऐसा करने से आपकी आने वाली पीढ़ियों के कर्मों में शिक्षा का अभाव नहीं होगा।
केसर का तिलक
पूजा के बाद परिवार का हर सदस्य केसर का तिलक जरुर लगाएं। अगर केसर में पीला चंदन मिला लें तो वास्तु के अनुसार यह आपके परिवार के लिए काफी शुभ होगा। केसर और चंदन को मिलाकर बना तिलक लगाने से परिवार में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है।
वसंत पंचमी पर ना करें ये गलतियां
- वसंत पंचमी के दिन काले और लाल रंग के वस्त्रों को ना पहने, देवी सरस्वती की कृपा पाने के लिए पीले रंग के कपड़े पहनने का अधिक महत्त्व है।
- इस दिन केवल सात्विक भोजन करे, मांस-मदिरा का सेवन ना करें
- वसंत पंचमी के दिन पेड़ों या फसल को नहीं काटना चाहिए।
- इस दिन गुस्सा करने से बचें और अपनी वाणी पर सयम रखे। अनजाने में भी किसी के लिए अपशब्द ना बोले।