बेडरूम हमारे घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, क्योंकि यहीं हम आराम करते हैं और अपने जीवन से जुड़े निजी अनुभव शेयर करते हैं. कई बार बेडरूम या पलंग के वास्तु विपरीत होने के कारण इसका असर हमारी कार्यक्षमता और लव लाइफ पर भी पड़ सकता है. भारत में वास्तुशास्त्र को पवित्र विज्ञान के रूप में मान्यता मिली है जो लोगों को तनावमुक्त जीवन जीने में मदद करता है. सुखद जीवन के लिए हम यहां बैडरूम के लिए वास्तु शास्त्र के टिप्स बता रहे हैं, जो की आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होंगे.
# बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए और इसी कोने में बेड भी रखना चाहिये. यदि आपने अपना बेड कमरे के दक्षिण-पूर्व दिशा में रखा तो आपको ठीक से नींद नहीं आयेगी, आप तनाव से घिरे रहेंगे, आपको गुस्सा जल्दी आयेगा और बेचैनी सी बनी रहेगी.
# अगर आप अपने कमरे में किताबों की अलमारी रखना चाहते हैं तो इसके लिए वास्तु के हिसाब से पश्चिमी या दक्षिण पश्चिमी दिशा सबसे सही होती है.
# बेडरूम में खिड़की अवश्य होना चाहिए. सुबह की किरणें बेडरूम में प्रवेश करने से स्वास्थ्य बेहतर रहता है. कभी भी मुख्य द्वार की ओर पैर करके न सोएं. पलंग के सम्मुख दर्पण नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से आप सदैव व्याकुल व परेशान रहेंगे.
# बेडरूम में कोई ऐसी तस्वीर ना लगाएं, जो हिंसा दर्शा रही हो। बेड के सिरहाने वाली दीवार पर घड़ी, फोटो फ्रेम आदि न लगाएं.
# वास्तु के अनुसार बेडरूम में बाथरूम नहीं होना चाहिए, क्योंकि दोनों की ऊर्जाओं का परस्पर आदान-प्रदान सेहत के लिए अच्छा नहीं होता. फिर भी बेडरूम में बाथरूम रखना चाहते हों, तो नैऋत्य कोण में बनवाएं. यदि ऐसा संभव न हो, तो वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में भी बाथरूम बनवाया जा सकता है.