सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। आज उत्पन्ना एकादशी हैं जो भगवान् विष्णु के साथ ही मां लक्ष्मी को भी प्रसन्न करने के लिए उपयोगी हैं। दोनों के आशीर्वाद से जीवन की समस्याओं का अंत करते हुए अपनी मनोकामना पूर्ती की जा सकती हैं और हर काम में सफलता हासिल करने में मदद मिलेगी। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार उत्पन्ना एकादशी के दिन सबसे पहले भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए। इसके लिए हो सके तो भगवान विष्णु के मंदिर चले जाएं और वहां उन्हें पीले रंग के किसी भी पुष्प की माला अर्पित करें। इसके बाद केसर की खीर का भोग लगाएं। आज इस कड़ी में हम आपको उत्पन्ना एकादशी पर किए जाने वाले उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको विष्णु-लक्ष्मी की कृपा दिलाएंगे और काम बनाएंगे। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।
अच्छी सेहत व घर की सुख-समृद्धि के लिएएकादशी का व्रत रखना शुभ माना जाता है। इस दिन सच्चे में मन से व्रत रखने व भगवान विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इससे अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है। इसके साथ घर में सुख-समद्धि बनी रहती है।
भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिएएकादशी के पावन दिन पर दान, पुण्य करने का विशेष महत्व हैं। इसलिए आप भी इस दिन अपने सामर्थ्य अनुसार, पीले रंग के कपड़े, अनाज, फल व दक्षिणा दान करें। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इससे भगवान विष्णु की असीम कृपा बरसती है।
मनचाहा फल पाने के लिएभगवान विष्णु जी को पीला रंग अतिप्रिय है। इसलिए इस शुभ दिन पर श्रीहरि को पीले रंग के फूल, वस्त्र और पानी में हल्दी मिलाकर चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान जी की असीम कृपा बरसती है। इसके साथ ही मनचाहा फल मिलता है।
आर्थिक स्थिति होगी मजबूतभगवान श्रीहरि को तुलसी अतिप्रिय है। ऐसे में एकादशी के पावन दिन खासतौर पर तुलसी माता की पूजा करें। इस दिन तुलसी मां के सामने घी का दीपक जलाकर 'ऊँ वासुदेवाय नमः' मंत्र का जाप करें। फिर तुलसी के पौधे की 11 बार परिक्रमा करें। माना जाता है कि ऐसा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
माता लक्ष्मी होती हैं इससे अत्यंत प्रसन्न ज्योतिषशास्त्र के अनुसार प्रत्येक एकादशी के दिन तुलसी माता की पूजा जरूर करनी चाहिए। इसमें विधि-विधान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले मां तुलसी पर जल चढ़ाएं इसके बाद घी का दीपक जलाकर ‘ ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र श्रद्धानुसार 11, 21, 51 या फिर 101 बार जपें और आरती पढ़कर तुलसी की 11 बार परिक्रमा करें।
पितरों की आत्मा को शांति के लिएपुराणों अनुसार, इस दिन पीपल का पौधा लगाना शुभ माना जाता है। ऐसे में हो सके तो आप भी एकादशी तिथि पर किसी मंदिर या सामाजिक जगह पर पीपल का पौधा लगाएं। इसके साथ ही रोजाना उन्हें जल चढ़ाएं। मान्यता हैं कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति व उनका आशीर्वाद मिलता है।
यह उपाय है अत्यंत जरूरी ज्योतिषशास्त्र के अनुसार उत्पन्ना एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा जरूर करें। इसके साथ ही माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से जरूर करें। इसके साथ ही जितना हो सके पीले रंग के पुष्प, फल, प्रसाद और वस्त्र अर्पित करके जरूरतमंदों को दान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जातकों के जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती। माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों की कृपा और आशीर्वाद एक साथ मिलता है।