गणगौर मुख्य रूप से राजस्थान का एक लोकपर्व हैं, लेकिन राजस्थान के अलावा भी यह पूरे देश में व्यापक रूप से मनाया जाता हैं। चैत्र शुक्ल तृतीय को गणगौर का त्योंहार मनाया जाता हैं। यह कुंवारी व विवाहित स्त्रियों द्वारा 16 दिन तक मनाये जाने वाला पर्व हैं। इस पर्व पर विशेष रूप से माता पार्वती व भगवान शंकर की पूजा की जाती है। इन्हें ईसर-गौर भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है (ईश्वर-गौरी)। कुंवारी कन्याएं उत्तम वर के लिए तथा विवाहिता महिलाएं सौभाग्य की कामना के लिए इनका पूजन करती हैं। इस त्योंहार पर कुछ ऐसे उपाय भी किये जाते हैं जो मनोकामना पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होते हैं। आज हम आपको वो उपाय बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं गणगौर के दिन किये जाने वाले उन उपायों के बारे में जो करेंगे हर मनोकामना पूर्ण।
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संपत्ति और विद्या : देवी भागवत के अनुसार, माता पार्वती का अभिषेक आम अथवा गन्ने के रस से किया जाए तो लक्ष्मी और सरस्वती ऐसे भक्त का घर छोड़कर कभी नहीं जातीं। वहां संपत्ति और विद्या का वास रहता है।
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मोक्ष की प्राप्ति : शिवपुराण के अनुसार, लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने से भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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रोगों से मुक्ति : माता पार्वती को घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा वह निरोगी होता है।
* वाहन सुख : भगवान शिव को चमेली के फूल चढ़ाने से वाहन सुख मिलता है। अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
* धन प्राप्ति : भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन प्राप्ति हो सकती है। तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है। शिवजी को जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है व गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है। शहद का भोग लगाकर दान करने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
* दरिद्रता : माता पार्वती को केले का भोग लगाकर दान करने से परिवार में सुख-शांति रहती है। गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाकर दान करने से दरिद्रता का नाश होता है।
* दीर्घायु : माता पार्वती को शक्कर का भोग लगाकर उसका दान करने से भक्त को दीर्घायु प्राप्त होती है।