प्रथम पूज्य गणपति जी को बुद्धि और सौभाग्य का देवता माना जाता हैं। हर भक्त चाहता है कि गणेशोत्सव में गणपति बप्पा की सेवा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाए। लेकिन इस आशीर्वाद को पाने के लिए अगर गणपति बप्पा की सेवा राशि अनुसार की जाए तो उसका फल अधिक मिलता हैं और बिगड़े काम भी बनने लगते हैं। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह आप इस गणेशोत्सव के पावन पर्व पर राशि अनुसार गणपति जी पूजन करें। तो आइये जानते हैं।
* मेष वक्रतुंड रूप में भगवान गणेश की आराधना करें। गुड़ का भोग लगाएं। ताम्र पात्र का दान करें।
* वृष शक्ति विनायक रूप में श्री गणेश पूजा करें। मिश्री का भोग लगाएं। श्वेत वस्त्र का दान करें।
* मिथुन लक्ष्मी उपासना भी गणेश जी के साथ करें। श्री सूक्त का पाठ करें। मूंग का लड्डू चढ़ाएं। मोदक का भोग लगाएं। वस्त्र का दान करें।
* कर्कवक्रतुंड रूप में श्री गणेश उपासना करें। मिस्री और घी को मिलाकर भोग लगाएं। चावल का दान करें।
* सिंह गणेश जी के साथ लक्ष्मी पूजन भी करें। गायत्री पूजा भी करें। श्री गणेश जी की बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। गेहूं और गुड़ का दान करें।
* कन्या लक्ष्मी गणेश रूप का पूजन करें। दूध और फल की बनी खीर का भोग लगाएं। मूंग की दाल और वस्त्र का दान करें।
* तुला वक्रतुंड रूप में श्री गणेश उपासना करें। नारियल के लड्डू का भोग श्री गणेश जी को लगाएं। चावल का दान करें।
* वृश्चिक श्वेतार्क गणेश की उपासना करें। मोती चूर के लड्डू का भोग लगाएं। मसूर की दाल का दान करें।
* धनु लक्ष्मी गणेश रूप की पूजा करें। श्री गणेश जी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। धार्मिक पुस्तक का दान करें।
* मकर शक्ति विनायक रूप में हृदय में धारण कर गणेश पूजन करें। मोदक और इलाइची का भोग लगाएं। तिल का दान करें।
* कुंभ शक्ति विनायक गणेश जी का पूजन करें। बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। गरीबों में काला वस्त्र बांटें।
* मीन हरिद्रा गणेश पूजन करें। लड्डू और शहद का भोग लगाएं। धार्मिक पुस्तक का दान करें।