नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को ही सामान्य बोलचाल की भाषा में काला जादू कहा गया है। यह झटका देने वाले ठीक बिजली के करंट की तरह हो सकता है, या कोई मानवीय भूल हो सकती है, जो मनःस्थिति के उलझाव की वजह से उसके तर्क और तथ्य को नहीं समझा जा सका हो। इसे विविध सभ्यता और समुदाय के लोगों ने अपने-अपने अंदाज और समझ के अनुसार दैवीय या शैतानी रूप का भी नाम दिया है। यदि किसी पर जादू टोना किया गया है और वो उससे मुक्ति पाना चाहते है तो जादू टोना टोटके से बचने के उपाय का प्रयोग कर इससे छुटकारा पाया जा सकता है। तंत्र-मंत्र और टोने-टोटके से बचने के लिए आम जीवन की रोजमर्रा की कुछ वस्तुओं को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। आइये जानते हैं किस तरह टोने टोटके से बचा जा सकता हैं।
* गाय घी, पीली सरसो, कपूर तथा गुग्गल का धूप बनाकर सूर्यास्त के समय गाय के गोबर से बने उपलों की सहायता से जलाएं। निरंतर यह धूप 21 दिनों तक घर के हर हिस्से में दें।
* भूत बाधा को दानकर्म से भी दूर किया जा सकता है। प्रतिदिन मंदिर में भगवान गणेश को एक साबुत सुपारी चढ़ाएं और किसी भिखारी को एक कटोरी चावल दान करें। ऐसा एक सप्ताह तक करने से काले जादू का असर निश्चित तौर पर खत्म हो जाएगा।
* केसर, गायत्री तथा जावित्री को कूटकर चूर्ण बना लें तथा उसमें गुग्गल मिश्रित कर प्रातः काल तथा संध्या काल निरंतर 21 दिनों तक घर में धूप दें।
* पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गाय में अगर समस्त देवी-देवताओं का वास होता है तो गौमूत्र में पर्यावरण शुद्ध करने की क्षमता है। इसे पवित्र माना गया है। काले जादू से बचाने के लिए यदि घर में गौमूत्र का छिड़काव किया जाए तो इसका असर काफी सकारात्मक होता है। हालांकि थोड़ा गौमूत्र पीना भी सेहतकारी होता है।
* नित्य सूर्यास्त के समय आधा किलो गाय के कच्चे दूध में नौ बूंद शहद मिला लें तथा घर के हर हिस्से में छिड़कें। सबसे अंत में मुख्य द्वार तक पहुंचे तथा शेष दूध वहीं गिरा दें।
* काले जादू से बचाव का एक साधारण उपाय धतुरे के पौधे का किया गया उपयोग हो सकता है। पुष्य नक्षत्र में धतूरे के पौधे को जड़ से उखाड़ लें। उसके बाद उसे उल्टा कर जमीन में दबा दें। अर्थात जड़ का भाग ऊपर रखें और पूरा पौधा जमीन में दबा़ दें।