राहु को प्रसन्न करने के 6 उपाय

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राहु को एक पाप ग्रह माना जाता है। राहु, केतु और शनि को कुंडली में बुरे प्रभावों का जनक ही माना जाता है। हालांकि यह केवल एक मिथ्या ही है क्योंकि इंसान की कुंडली उसके कर्मों द्वारा निर्धारित होती है। राहु की वक्र दृष्टि या अशुभ स्थिति इंसान को संकटापन्न कर देती है। विवेक-बुद्धि का ह्रास हो जाता है तथा ऐसी दशा में जातक निरुपाय रह जाता है। इसलिए वह स्वयं प्रयत्नहीन होकर उल्टे-बेढंगे निर्णय लेने लगता है। कुछ उपायों को करने से राहु ग्रह की शांति बहुत ही कम समय में हो जाती है। आइये जानते है उन उपायों के बारे में।

* सोमवार को व्रत करने से भी भगवान शिवशंकर प्रसन्न होते हैं। अतः सोमवार को शिव आराधना पूजन व्रत करने के पश्चात, शाम को भगवान शिवशंकर को दीपक लगाने के पश्चात् सफेद भोजन खीर, मावे की मिठाई, दूध से बने पदार्थ ग्रहण करना चाहिए। अगर आपके जन्मांक में राहु, चंद्र, सूर्य को दूषित कर रहा है तो जातक को भगवान शिवशंकर की सच्चे मन से आराधना करना चाहिए।

* अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए। सफेद चन्दन की माला भी धारण की जा सकती है। प्रतिदिन सुबह चन्दन का टीका भी लगाना चाहिए। अगर हो सके तो नहाने के पानी में चन्दन का इत्र डाल कर नहाएं।

* नौ रत्ती का गोमेद पंचधातु अथवा लोहे की अंगूठी में जड़वा लें। शनिवार को राहु के बीज मन्त्र द्वारा अंगूठी अभिमंत्रित करके दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर लें।

* चौमुखा दिया जला कर राहु को अर्पित करें। कोई भी मीठा प्रसाद बना कर चढ़ाएं।

* भगवान शिव की राम भगवान के प्रति परम आस्था है, अतः श्रीराम नाम का स्मरण भी राहु ग्रह के संकटों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। जातक को शिव साहित्य जैसे- शिवपुराण आदि का पाठ करना चाहिए।

* दुर्गा चालीसा का पाठ करें। पक्षियों को प्रतिदिन बाजरा खिलाएं। सप्तधान्य का दान समय-समय पर करते रहें। एक नारियल ग्यारह साबुत बादाम काले वस्त्र में बांधकर बहते जल में प्रवाहित करें। शिवलिंग पर जलाभिषेक करें। अपने घर के नैऋत्य कोण में पीले रंग के फूल अवश्य लगाएं। तामसिक आहार व मदिरापान बिल्कुल न करें।