सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा के दौरान भूल कर भी न करे ये गलतियाँ

28 जुलाई से सावन का महिना शुरू होने जा रहा है। सावन को महिना भगवान शिव को अति प्रिय है। इस महीने में भगवान् शिव की आराधना से सभी मनोकामना पूरी होती है। आमतौर पर सावन का महिना 28 या 29 महीने का होता है, लेकिन इस बार ऐसे संयोग बन रहे है की सावन का कहिना पुरे 30 दिनों का है। साथ ही इस सावन में 5 समोवार भी है जो ज्योतिष शास्त्र के नजरिये से काफी शुभ माना जाता है। आज हम आपको सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा के दौरान होने वाली छोटी-छोटी गलतियों के बारे में बता रहे हैं। जिसे सावन के महीने में नहीं करनी चाहिए। तो आइये जानते है इस बारे में....

* कई बार भक्त भूल जाते है की शिवलिंग को जल चढाते समय हल्दी को भी लगा लेते है जो की शिव पूजा में वर्जित मानी जाती है।ऐसा इसलिए क्योंकि शिवलिंग पुरूष तत्व से संबंधित होता है इस कारण से शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ना चाहिए।

* शास्त्रों के अनुसार पूजा में जल च्दहने के बाद कभी भी पूरी परिक्रमा नही करनी चाहिए, बल्कि आधी परिक्रमा करनी नही तो पूजा का कोई मतलब नही रहता है और साथ ही पूजा का लाभ भी नही मिलता है।


* सावन के महीने में दूध पीने से पिट बढ़ता है, इसलिए शिव जी दूध चढाया जाता है क्यूंकि शिव जी विष को अपने अंदर समा लेते है। जिससे भक्तो की सभी परेशानिया दूर हो जाती है।

* सावन में बैगन नही खाना चाहिए क्यूंकि बैगन में कीड़े लगते है और बैगन को शास्त्रों में अशुद्ध कहा गया है। इसलिए सावन में बैगन की मनाही है।

* शिव पूजा में चावल, कुमकुम, चन्दन, बिल पत्र आदि को शामिल करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। इनके बिना पूजा सफल नही होती है।