राम मंदिर भूमि पूजन : राम नाम की महिमा दर्शाती हैं कबीर पुत्र कमाल से जुड़ी यह कथा

5 शताब्दियों के बाद आज अयोध्या का वैभव लौटेगा। आज दोपहर 12:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। अयोध्या में इसके बाद राम मंदिर का काम बहुत तेजी से चलाया जाएगा। सभी भक्तों को अपार खुशी हो रही हैं क्योंकि वे राम नाम की महिमा के बारे में जानते हैं। इसको लेकर पुराणों में भी कई कथा प्रचलित हैं जो राम नाम की महिमा दर्शाती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कबीर पुत्र कमाल से जुड़ी कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जो राम की शक्ति को दर्शाता हैं।

एक बार राम नाम के प्रभाव से कमाल द्वारा एक कोढ़ी का कोढ़ दूर हो गया। कमाल समझने लगे कि रामनाम की महिमा मैं जान गया हूँ। कमाल के इस कार्य से किंतु कबीर जी प्रसन्न नहीं हुए। कबीरजी ने कमाल को तुलसीदास जी के पास भेजा।

तुलसीदासजी ने तुलसी के पत्र पर रामनाम लिखकर वह तुलसी पत्र जल में डाला और उस जल से 500 कोढ़ियों को ठीक कर दिया।

कमाल समझने लगा कि तुलसीपत्र पर एक बार रामनाम लिखकर उसके जल से 500 कोढ़ियों को ठीक किया जा सकता है, रामनाम की इतनी महिमा हैं। किंतु कबीर जी इससे भी संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने कमाल को भेजा संत सूरदास जी के पास।

संत सूरदास जी ने गंगा में बहते हुए एक शव के कान में राम शब्द केवल एक बार कहा और शव जीवित हो गया। तब कमाल ने सोचा कि राम शब्द के पुकार से मुर्दा जीवित हो सकता हैं। यह राम शब्द की महिमा हैं। तब कबीर जी ने कहाः यह भी नहीं। इतनी सी महिमा नहीं है राम शब्द की।

तब कबीर जी ने कहाः यह भी नहीं। इतनी सी महिमा नहीं है राम शब्द की।

भृकुटि विलास सृष्टि लय होई।

अर्थात जिसके भृकुटि विलास मात्र से प्रलय हो सकता है, उसके नाम की महिमा का वर्णन तुम क्या कर सकोगे?