कहा जाता है कि शाम के समय कुछ ऐसे काम हैं जो वर्जित हैं और इन्हें करने से देवता रूठ जाते हैं। जिसमें सोने से लेकर पढ़ाई करना भी शामिल है। आज हम हम आपको उन्हीं कामों के बारे में बता रहे हैं जो कि मान्यताओं के अनुसार शाम के वक्त नहीं किया जाना चाहिए। यहां कुछ काम ऐसे बताए जा रहे हैं, जिन्हें शाम के समय करने पर व्यक्ति को शारीरिक परेशानियों के साथ-साथ आर्थिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है। आइये जानते हैं ऐसे काम जो सूर्यास्त या संध्या समय नहीं करने चाहिए...
* सूर्यास्त के समय अगर आपके घर पर कोई दूध, दही या प्याज मांगने आए तो इन तीनों चीजों को देने से साफ मना कर दें क्योंकि सूर्यास्त के समय किसी बाहरी व्यक्ति को ये तीनों चीजें देने से घर की बरकत समाप्त हो जाती है।
* संध्या काल में प्रेम-प्रसंग की भी पाबंदी बताई गई है। यदि कोई ऐसा करते हैं तो उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का खतरा बना रहता है। कहा जाता है कि संध्या काल में मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। ऐसे में आप यदि इस नियम का पालन नहीं करते हैं तो मां लक्ष्मी आपसे नाराज हो सकती हैं और उनकी कुदृष्टि की आप शिकार हो सकते हैं।
* हिन्दू शास्त्रों के अनुसार दिन ढलने के बाद तुलसी को ना तो जल चढ़ाना चाहिए और ना ही उसके पत्तों को छूना चाहिए। ल चढ़ाने के लिए दिन का समय शुभ माना गया है, परंतु शाम के समय आप तुलसी के आगे दीपक जरूर जला सकते हैं।
* शाम को झाड़ू नहीं लगाना चाहिए, ध्यान रखें कि शाम को झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने पर घर से सकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है और घर में दरिद्रता आती है। शाम से पहले ही घर साफ कर लेना चाहिए।
* शास्त्रों के अनुसार हमें संध्या काल में भोजन नहीं करना चाहिए। कहते हैं, जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें अक्सर ही पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि बहुत ज्यादा भूख लगी भी हो तो इस वक्त आप हल्का-फुल्का नाश्ता या फल आदि ले सकते हैं। हां, यदि कोई बुजुर्ग या बीमार है तो यह नियम उनपर लागू नहीं होता।
* जिस समय दिन के दो पहर आपस में मिल रहे होते हैं, उस समय सोना नहीं चाहिए। ना तो यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और ना ही धार्मिक दृष्टि से उचित माना गया है। शाम के समय सोने वाले लोग मोटापे से ग्रस्त हो जाते हैं और उनका आलस्य भी बढ़ता है। बुजुर्ग और गर्भवती स्त्री शाम के समय जरूर सो सकती है। शास्त्रों के अनुसार जिन घरों में शाम के समय लोग सोते हैं, उनसे धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
* शाम के समय वेद पाठ भी न हो तो बेहतर है। इस समय देवी-देवताओं की का स्मरण और उनका ध्यान करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। वेद पाठ एक खास कर्म हैं, जिन्हें कभी भी और कैसे भी करना उचित नहीं माना गया है। इसे ब्रह्म मुहूर्त में करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
* वहीं शाम के वक्त पढ़ाई भी नहीं करनी चाहिए, जबकि सुबह के वक्त पढ़ाई करनी चाहिए।