जीवन में आर्थिक तंगी को दर्शाती हैं हथेली की ये रेखाएं

हिन्दू धर्म में हस्तरेखा का बड़ा महत्व माना जाता हैं जो कि व्यक्ति के जीवन से जुड़ी होती हैं और उनके आने वाले समय को भी दर्शाती हैं। ऐसे में सभी को यह जानने की चाहत होती हैं कि उनके जीवन में आर्थिक स्थिति कैसी होनी हैं। आज इस कड़ी में हम आपको हथेली के उन संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो जीवन में आर्थिक तंगी को दर्शाती हैं। तो आइये जानते हैं हथेली के इन संकेतों के बारे में।

भाग्‍य रेखा का ऐसा होना

यदि किसी व्‍यक्ति के हाथ में भाग्‍य रेखा इस स्थिति में हो कि कोई दूसरी आड़ी रेखा उसे काट रही हो तो यह भाग्‍य में रुकावट का संकेत है। ऐसे लोग सदैव पैसों की कमी से जूझते रहते हैं। धनवान परिवार में होकर भी इन्हें तंगी का सामना करना पड़ता है।

शुक्र पर्वत पर हो ऐसा चिह्न

शुक्र पर्वत को भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। यदि कोई रेखा शुक्र पर्वत से निकलकर मंगल पर्वत तक जाए तो ऐसे जातकों के पास पैसा नहीं टिकता है। साथ ही शुक्र पर्वत पर क्रॉस का निशान है तो वह भी पैसा बचाने में असफल रहते हैं। ऐसे लोग गलत आदतों और शौक मौज में खूब पैसे खर्च करते हैं।

बुध पर्वत हो ऐसा

यदि किसी व्‍यक्ति के हाथ में बुध पर्वत का दायरा काफी छोटा हो तो ऐसे लोगों को भाग्‍य का साथ कम ही मिलता है। ऐसे लोगों का जीवन काफी संघर्ष में गुजरता है और उन्‍हें अपनी मेहनत का फल नहीं मिलता।

सूर्यरेखा का अनुपस्थित होना

सूर्यरेखा व्‍यक्ति के जीवन में मान-सम्‍मान, यश और रुपये-पैसे की स्थिति के बारे में बताती है। अनामिका उंगली की जड़ तक आने वाली रेखा को सूर्य रेखा कहते हैं। यदि किसी व्‍यक्ति की हथेली में सूर्य रेखा न हो तो ऐसे व्‍यक्ति को प्रसिद्धि और आर्थिक मामलों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। या फिर सूर्य रेखा का कटा-फटा या फिर इस पर अशुभ चिह्नों का उपस्थित व्‍यक्ति के जीवन में तंगी की ओर इशारा करता है। मेहनत के बावजूद इनके पास पैसा नहीं रहता। ऐसे लोग धनी परिवार में जन्‍म लेकर भी आर्थिक कष्‍टों का सामना करते हैं।

जीवन रेखा ऐसी होने पर

व्‍यक्ति के हाथ में जीवन रेखा वह होती है तो मणिबंध से शुरू होकर सूर्य पर्वत के नीचे तक गोलाई में आती है। अगर इस रेखा पर तिल हो या फिर अन्‍य कोई धब्‍बा या अशुभ निशान हो तो व्यक्ति जीवन में कई तरह के आर्थिक उतार-चढ़ाव देखता है। इनके पास पैसे तो होते हैं लेकिन बचते नहीं है। इनका पैसा ज्यादातर स्वास्थ्य के मामलों में ही खर्च होता है।