इन उपायों से समाप्त होगा कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव

व्यक्ति की कुंडली उसके जीवन के बारे में बहुत कुछ बताती हैं और उसमें उपस्थित ग्रह की दशा व्यक्ति के हालात को दर्शाती हैं। ग्रहों की अशुभ दशा व्यक्ति के बुरे समय की ओर इशारा करते हैं। अगर कुंडली में अशुभ ग्रह गलत भाव में बैठा है तो व्यक्ति तमाम तरह की परेशानियों से जूझता है। ऐसे में जरूरी हैं कि ग्रहों के अशुभा प्रभाव को समाप्त किया जाए ताकि जीवन में सभी काम शुभ हो। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय लेकर आए हैं जिनकी मदद से कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।

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- चन्द्रमा के कमजोर होने पर मानसिक तनाव और फेफड़े संबंधी रोग होता है। चंद्रमा के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति मानसिक रूप से काफी शिथिल पड़ जाता है। कुंडली में चन्द्रमा के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए सोमवार को शिवजी का जलाभिषेक करें और ऊं श्रां: श्रीं: श्रौं: स: चंद्रमसे नम: मंत्र का जाप करें।

- कुंडली में मंगल के कमजोर होने पर भी व्यक्ति मानसिक रूप से बहुत परेशान रहने लगता है। मंगलवार को हनुमान जी की उपासना करें और सुंदरकांड का पाठ करें।

- कुंडली में अगर बुध कमजोर होता है तो व्यक्ति के निर्णय लेने में परेशानियां आने लगती है और कई बार गलत निर्णय ले लेता है जिसका उसे खामियाजा उठना पड़ता है। गणेश जी की पूजा करें और ॐ श्री गणेशाय नम: का जाप करें।

- कमजोर गुरु से व्यक्ति की उन्नति होनी बंद हो जाती है और हमेशा असफलता मिलने लगती है। कमजोर गुरु को मजबूत करने के लिए गुरुवार को पीली वस्तुओं का दान करें।

- कुंडली में शुक्र की खराब स्थिति व्यक्ति के वैवाहिक रिश्तों में तनाव पैदा करती है। शुक्रवार को चावल का दान करें और मां लक्ष्मी की पूजा करें।

- कुंडली में शनि की खराब दशा होने पर व्यक्ति के सारे काम रुक जाते है। कोई भी काम सफल नहीं होता तमाम तरह की परेशानी से दो-चार होने पड़ता है। शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और इसके नीचे सरसों तेल का दीपक जलाएं।

- कुंडली में कमजोर सूर्य से व्यक्ति के मान-सम्मान मे गिरावट आती है और कानूनी मसलों से घिर जाता है। प्रत्येक दिन सूर्य को जल अर्पित करें। और ॐ सूर्याय नम: का जाप करें।