दरिद्रता का कारण बनते हैं शाम के समय किए गए ये काम

अक्सर देखा जाता हैं कि कई लोगों के जीवन में अचानक ही धन सम्बन्धी समस्या आने लगती हैं और उन्हें अनायास ही नुकसान होने लगता हैं। व्यक्ति के जीवन में आई इस दरिद्रता के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इन कारणों में से कुछ होते हैं शाम के वक्त किए गर वर्जित काम। आज इस कड़ी में हम आपको उन कार्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जो शाम के वक्त नहीं किए जाने चाहिए क्योंकि यह आपकी दरिद्रता का कारण बनते हैं। तो आइये जानते हैं इन कामों के बारे में।

घर के दरवाजे

बुजुर्ग संध्या के समय घर का मुख्य द्वार खोलने के लिए कहते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि यह समय लक्ष्मी आगमन का होता है, अगर घर के दरवाजे बंद रहते हैं तो वह चली जाती है। इससे घर में धन और वैभव की कमी आती है। इसलिए कहा जाता है कि शाम होते ही घर के दरवाजे खोल देने चाहिए।

तुलसी के पत्ते तोडना

शाम के समय बुजुर्ग तुलसी के पत्ते तोड़ने के लिए मना करते हैं। दरअसल शास्त्रों में भी शाम के समय तुलसी को छूना वर्जित बताया गया है क्योंकि इस समय तुलसी जी लीला करने जाती हैं, इस समय तुलसी के समय दीपक से आरती करनी चाहिए। तुलसी के पत्ते तोड़ने से घर में धन का संकट आ जाता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास हो जाता है। इसलिए बुजुर्ग तुलसी के पत्ते शाम के समय तोड़ने के लिए मना करते हैं।

संध्याकाल में भोजन

बुजुर्ग कहते हैं कि संध्याकाल में कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि इस समय भोजन करने से स्वास्थ्य खराब हो जाता है। शाम के समय भोजन करने से इसका सीधा प्रभाव मन एवं मस्तिष्क पर पड़ता है। साथ ही पाचन क्रिया पर इसका असर पड़ता है, जिससे कई रोग जन्म लेते हैं। शास्‍त्रों में भी इसको गलत माना गया है, ऐसा करने से धन का नाश होता है। अगर भूख लगी है तो आप फल ले सकते हैं।

धन का लेन-देन

शाम के समय बुजुर्ग धन के लेन-देन के लिए भी मना करते हैं क्योंकि ऐसा करने से घर की बरकत नहीं होती है। धन का लेन-देन हमेशा सुबह करना चाहिए, शाम के समय धन का लेन-देन करना अपशगुन माना गया है। मान्यता है कि शाम के समय धन किसी और को देने से देवी लक्ष्मी विदा हो जाती हैं। साथ ही कर्ज की समस्या बढ़ जाती है और पैसे का प्रवाह रूक जाता है।

शाम के समय सोना

बुजुर्ग शाम के समय सोने से मना करते हैं। कहा जाता है कि इस समय सोने से बीमारी और दरिद्रता घर में आती है। शाम के समय भगवान की आराधना और आरती आदि के लिए श्रेष्ठ माना गया है। इस समय सोने से भाग्य भी सो जाता है। चिकित्सकीय नजरों से देखें तो शाम के समय सोने से अनिद्रा के रोग होने की आशंका बनी रहती है। साथ ही शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती, जिससे कई तरह को रोग जन्म लेते हैं।