इन 5 स्थानों पर रखा जाता है श्राद्ध का आहार, अपनाया जाता है पंचबली कर्म

श्राद्ध पक्ष चल रहा हैं और सभी लोग अपने पितरों की आत्मा को तृप्त करने के लिए श्राद्ध करते हैं। लेकिन श्राद्ध का पूर्ण फल तभी मिल पाता हैं जब इसे नियमों के साथ किया जाए। खासतौर से श्राद्ध के दिनों में पंचबली कर्म अपनाया जाता हैं। इसमें श्राद्ध के दिन पाँच जगह भोजन निकाला जाता हैं और उन्हें भोग लगाया जाता हैं। आपको श्राद्ध का पूर्ण फल मिल सकें इसलिए आज हम आपके लिए इस पंचबली कर्म से जुड़े नियमों की जानकारी लेकर आए हैं। तो आइये जानते है इसके बारे में।

- गौ बलि : घर से पश्चिम दिशा में गाय को महुआ या पलाश के पत्तों पर गाय को भोजन कराया जाता है तथा गाय को 'गौभ्यो नम:' कहकर प्रणाम किया जाता है। गौ देशी होना चाहिए।
- श्वान बलि : पत्ते पर भोजन रखकर कुत्ते को भोजन कराया जाता है।

- काक बलि : कौओं को छत पर या भूमि पर रखकर उनको बुलाया जाता है जिससे वे भोजन करें।

- देवादि बलि : पत्तों पर देवताओं को बलि घर में दी जाती है। बाद में वह उठाकर घर से बाहर रख दी जाती है।

- पिपलिकादि बलि : चींटी, कीड़े-मकौड़ों आदि के लिए जहां उनके बिल हों, वहां चूरा कर भोजन डाला जाता है।