आपको बर्बादी की ओर लेकर जाते हैं ये 6 तरह के आचरण, जानें और लाए सुधार

हर व्यक्ति चाहता हैं कि उसके जीवन में हमेशा धन, संपत्ति, सुख में बरकत बनी रहे। इसके लिए व्यक्ति मेहनत भी बहुत करता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये सभी चीजें आपोके आचरण से जुड़ी हुई हैं। जी हां, ज्योतिष के अनुसार गलत आचरण करने वाले व्यक्ति का पैसा जेलखाना, पागलखाना या दवाखाने में ही चला जाता है। आज हम आपको कुछ ऐसे आचरण के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके लिए कष्टकारी होते हैं। इनमें बदलाव कर अपना जीवन संवारे।

कुकृत्य

जहां मदिरा सेवन, स्त्री अपमान, देवी और देवताओं का अपमान, तामसिक भोजन, ब्याज का धंधा और अनैतिक कृत्यों को महत्व दिया जाता है उनका धन दवाखाने, जेलखाने और पागलखाने में ही खर्च होता रहता है।

कलह

घर में क्रोध, कलह और रोना-धोना आर्थिक समृद्धि व ऐश्वर्य का नाश कर देता है इसलिए घर में कलह-क्लेश पैदा न होने दें।

मां, पत्नी और बेटी

मां, पत्नी और बेटी लक्ष्मी का रूप होती हैं, जो व्यक्ति इनके सम्मान, सुरक्षा और इच्‍छाओं का ध्यान नहीं रखता है। इन्हें दुत्कारता, कोसता या अशुभ वचन कहता है। ऐसे व्यक्ति पर माता पार्वती का क्रोध बरसकता है। मां को दुखी करने से सुख चला जाता है और पत्नी को दुखी करने से समृद्धि चली जाती है। बेटी को दुखी करने से सबकुछ चला जाता है।

संधिकाल

संधिकाल में अनिष्ट शक्तियां प्रबल होने के कारण इस काल में निम्नलिखित बातें निषिद्ध बताई गई हैं- सोना, खाना-पीना, गालियां देना, झगड़े करना, अभद्र एवं असत्य बोलना, क्रोध करना, शाप देना, यात्रा के लिए निकलना, शपथ लेना, धन लेना या देना, रोना, वेद मंत्रों का पाठ, शुभ कार्य करना, चौखट पर खड़े होना। उपरोक्त नियम का पालन नहीं करने से जहां एक ओर बरकत चली जाती है वहीं व्यक्ति कई तरह के संकटों से घिर जाता है।

सोना

दक्षिण दिशा में पैर करके न सोएं। शाम के समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए किंतु गीले पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन का नाश होता है। दांतों को अच्छे से साफ और चमकदार बनाए रखें। बार-बार थूकने, झींकने या खांसने की आदत को बदलें। उपरोक्त नियमों का पालन करने से व्यक्ति स्वस्थ बना रहता है।

वास्तु दोष

आग्नेय, दक्षिण और नैऋत्य मुखी मकान में रहना वाले को कभी पूर्ण सुख प्राप्त नहीं होता है। घर में गंदगी का होना भी शुभ नहीं माना जाता। घर में काले, कत्थई, मटमैले, जामुनी और बैंगनी रंग का इस्तेमाल करना भी शुभ नहीं माना जाता है। वॉशरूम को गीला रखना, रात में कपड़े सुखाना, झाड़ू को खड़ा रखना, ब्रह्ममुहूर्त या संध्याकाल को झाड़ू लगाना, मकड़ी के जाले होना, अटाला जमा होना, छत पर बांस रखना आदि कई कारण वास्तुदोष को निर्मित करते हैं।