आपकी जिंदगी के राज खोलती हैं जीवनरेखा, जानें कैसे लगाए इसका पता

हस्तरेखा ज्ञान ज्योतिष का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जिसकी मदद से व्यक्ति की हथेली में बनी रेखाओं को देखकर उसके जीवन के राज पता लगे जा सकते हैं। हथेली में कई रेखाएं होती हैं और सभी का अपना विशेष महत्व होता हैं। इन्हीं में से एक होती हैं जीवनरेखा जिसपर व्यक्ति की शारीरिक क्षमता, प्रतिरोधक क्षमता और जीवन मृत्‍यु से जुड़ी बातें निर्भर करती हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए जीवनरेखा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

जीवनरेखा हो ऐसी तो

जीवन रेखा लंबी, पतली, साफ हो और बिना किसी रुकावट के, टूटी या कटी नहीं होनी चाहिए। इस प्रकार की जीवनरेखा बताती है कि व्‍यक्ति की उम्र लंबी होगी और वह अच्छे स्वास्‍थ्‍य और तंदुरुस्ती का मालिक है। जीवनरेखा से जुड़ी अन्‍य रोचक बातें आपको बताते हैं।

जीवनरेखा मंगल पर्वत से निकले तो

मंगल पर्वत से जिन लोगों की जीवनरेखा निकलती है, उन लोगों में केवल अपना रौब दिखाने की आदत होती है। ऐसे लोगों में नेतृत्व की क्षमता भी पाई जाती है। ऐसे लोग बहुत लालची भी माने जाते हैं। इस तरह के लोगों के जीवन में उतार-चढ़ाव बना रहता है। बचपन में अकसर बीमार रहते हैं। इनके जन्म के बाद से परिवार का खर्च बढ़ जाता है।

जीवन रेखा का आरंभ गुरु पर्वत से हो तो

जिस व्‍यक्ति की हथेली में जीवनरेखा गुरु से आरंभ होकर शुक्र पर्वत तक जाए जो ऐसे लोग स्वाभिमानी, सद्गुणी, स्वतंत्र विचारधारा के होते हैं। परिवार में ऐसे लोगों के विचार आपस में मेल नहीं खाते हैं। घर के अन्‍य सदस्‍यों के साथ इनके विचारों में भिन्नता रहती है।

जीवनरेखा गोल हो

कुछ लोगों के हाथ में जीवनरेखा शुक्र पर्वत को घेरते हुए गोल चाप के आकार में होती है। ऐसे लोग जीवन में खूब कामयाब होते हैं और प्राय: इनके रिश्तेदार भी दीर्घायु होते हैं। इन लोगों में महत्वाकांक्षा अधिक होती है। जिस वजह से ये छोटे स्तर के काम करने में लज्जा अनुभव करते हैं।

गुरु मंगल के बीच से जीवन रेखा का उदय

कुछ लोगों के हाथों में बृहस्पति और मंगल के बीच से भी जीवन रेखा का उदय होता है। ऐसे लोगों में मंगल और गुरु दोनों का प्रभाव रहता है। ऐसे लोग जल्दी तरक्की कर लेते हैं क्योंकि यह किसी भी तरह का काम करने में संकोच नहीं करते हैं। इस तरह के लोगों में व्यवहारिकता अधिक होती है। शांत दिखते हैं लेकिन परिस्थितिवश उग्र भी हो जाते हैं।

जीवनरेखा हो कटी-फटी या टूटी

यदि जीवन रेखा टूटी हुई या छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित हो तो व्यक्ति खराब और अनियमित स्वास्थ्य वाला होता है। यदि रेखा टूटी-फूटी नहीं हो, सुंदर, सुस्पष्ट और एकसमान हो तो व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार देखा जा सकता है।