भगवान को प्रसन्न करने के लिए भारत के इन मंदिरों में होती है तांत्रिक क्रियाएं

दुनिया में जिस तरह भगवान का अस्तित्व हैं उसी तरह नकारात्मक शक्तियों के अस्तित्व को भी नकारा नहीं जा सकता हैं। आज कल की युवा पीढ़ी इन नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए किये गए टोन-टोटकों और तांत्रिक उपायों को सिर्फ फ़िल्मी मानती हैं। लेकिन ऐसा नहीं है आज भी भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जहां अपनी तांत्रिक विद्या और टोन-टोटकों से लोग भगवान को खुश करने की कोशिश में लगे रहते हैं। आइये हम बताते हैं आपको उन मंदिरों के बारे में

* मेंहदीपुर बालाजी मंदिर, राजस्थान :

यह मंदिर तांत्रिकों के अनुसार बहुत ही पवित्र मंदिर है। जिन लोगों पर प्रेत या आत्मा का साया पड़ जाता है वो यहां झाड़-फूंक के लिए आते है। यहां की बहुत मान्यता है। ये भी माना जाता है कि भूत-प्रेत से परेशान लोग यहां आकर ठीक हो जाते है।

* वैताल मंदिर, भुवनेश्वर, ओड़िसा :

आंठ्वी सदी में बना ये मंदिर, भुवनेश्वर में है जहां तांत्रिक शक्तियां अपने चरम पर रहती हैं। यहां बलशाली चामुण्डा, जो काली का रूप हैं, उनकी मूर्ती है। इस मूर्ती के गले में नरमुंडों की माला है। तांत्रिकों का मानना है कि इस मंदिर की मद्धम रौशनी के कारण, सदियों से संग्रहित शक्तियों को समाहित करने के लिए इससे अच्छा स्थान नहीं है।

* बैजनाथ मंदिर, हिमाचल प्रदेश :

इस मंदिर में शिव भगवान का प्रसिद्ध वैधनाथ लिंग है। बैजनाथ मंदिर अपनी तांत्रिक क्रियाओं और यहां का पानी अपनी पाचन शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है।

* कालीघाट मंदिर, कोलकाता :

तांत्रिक क्रियाओं में लिप्त रहने वाले लोगों के बीच कालीघाट का मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। यहां पर साल भर तंत्र-मंत्र करने वाले लोगों का तांता लगा रहता है। मान्यता के अनुसार इस स्थान पर देवी सती की अंगुलियां गिरी थीं।

* एकलिंग जी मंदिर, राजस्थान :

भगवान शिव को समर्पित एकलिंग जी मंदिर उदयपुर के पास है। यहां शिव की एक अनोखी और बेहद खूबसूरत चैमुखी मूर्ती है जो काले संगमरमर से बनी है। यहां पूरे साल तांत्रिकों का जमावड़ा लगा रहता है और शिवरात्रि का त्यौहार ज़ोरों-शोरों से मनाया जाता है।

* खजुराहो मंदिर, मध्य प्रदेश :

भारत के मध्य में स्थापित, खजुराहो के मंदिर प्रसिद्ध हैं अपनी कलात्मक रचना और कामुक मूर्तियों के लिए। लेकिन कुछ ही लोग जानते हैं कि खजुराहो तांत्रिक गतिविधियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां की मूर्तियों में इंसानी वासना और कामुकता को दिखलाया गया है, लेकिन इन कलाकृतियों का अर्थ कुछ और ही है, जो इंसान को अध्यात्म की राह पर ले जाता है। मनुष्य जब इस सांसारिक मोह-माया को त्याग देता है, तब उसे मोक्ष प्राप्त होता है। खजुराहो के मंदिरों में हर साल कई लोग इन कलाकृतियों और मूर्तियों को देखने आते हैं।

* ज्वालामुखी मंदिर, हिमाचल प्रदेश :

यह मंदिर अपने चमत्कार के साथ यहां होने वाली तांत्रिक क्रियाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां एक कुण्ड है, जो देखने पर उबलता दिखाई देता है लेकिन छूने पर पानी ठंडा रहता है।

* काल भैरों मंदिर, मध्य प्रदेश :

मध्य प्रदेश के उज्जैन में काल भैरों का मंदिर है जहां भैरों की श्याममुखी मूर्ती है। तांत्रिक क्रियाओं के लिए ये मंदिर काफ़ी प्रसिद्ध है। इंदौर से एक घंटे की ड्राइव के बाद आप इस प्राचीन मंदिर तक पहुंचते हैं। तांत्रिक, सपेरे, अघोरी वगैराह, अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत में यहां सिद्धि की खोज में आते हैं। वैसे तो यहां कई प्रकार के अनुष्ठान होते हैं, लेकिन भैरों की पूजा के लिए देसी ठर्रे का भोग लगाना अनिवार्य है।