सूर्यग्रहण के साथ शनि जयंती का अद्भुत संयोग, इन उपायों से मजबूत करें ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति

आज 10 जून, गुरुवार को ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर साल का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा हैं जिसमें शनि जयंती का अद्भुत संयोग भी शामिल हैं। हांलाकि सूर्यग्रहण आंशिक हैं जिसमें सूतक नहीं लगेगा। लेकिन ज्योतिष की दृष्टि से सूर्यग्रहण का विशेष महत्व माना गया हैं। सूर्यग्रहण के दिन जप-तप व दान का विशेष महत्व होता हैं। आज का दिन ज्योतिष में बहुत महत्व रखता है। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए सूर्यग्रहण के साथ शनि जयंती का अद्भुत संयोग पर कुछ ऐसे उपायों की जानकारी देने जा रहे हैं जो ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति को मजबूत करने का काम करेगी। तो आइये जानते हैं ग्रहण के दिन किए जाने वाले इन उपायों के बारे में।

पीपल के पेड़ के इस उपाय से सुख-शांति

ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन सूर्यग्रहण के बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और अपने पितरों को याद करते हैं दूध से बनी मिठाई के पांच टुकड़ा रख दें। फिर सात परिक्रमा करें और आसपास मौजूद गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें। ऐसा करने से सूर्य ग्रहण का शुभ फल मिलता है और भाग्य भी उदय होता है। इसके साथ ही पितरों के आशीर्वाद से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कराएगा आय में वृद्धि

सूर्यग्रहण के दौरान आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना बहुत ही कल्याणकारी माना गया है। इसका पाठ करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और सूर्य अनुकूल प्रभाव देने लगते हैं। इस पाठ के करने से मंदी के दौर में भी आय में वृद्धि होती है और नौकरी में भी प्रमोशन की संभावना बनी रहती है। वहीं ग्रहण के बाद गाय माता के लिए गौ ग्रास अवश्य निकालें।

केले का यह उपाय दिलाएगा परेशानियों से मुक्ति

सूर्य-केतु की युति होने पर सूर्य ग्रहण के समय तिल, नींबू और पका केला लें और फिर उसको बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दें। इसके बाद गायत्री मंत्र या फिर महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। ऐसा करने से ग्रहण का शुभ फल मिलता है और जीवन में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती। मंत्र और इस उपाय के करने से जीवन में सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।

मंदिर में दान से मिलेगा समाज में सम्मान

सूर्यग्रहण के बाद परिवार के सभी सदस्यों से कुछ सिक्के लेकर धन इकट्ठा कर लें फिर शाम के समय पूरे पैसे मंदिर में दान कर दें। इसके बाद गेहूं, गुड़, तांबे, चना व तिल का दान करें। ऐसा करने से राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है और ईश्वर की कृपा बनी रहती है। साथ ही समाज में आपको सम्मान मिलता है और करियर में ग्रोथ की संभावना भी बढ़ जाती है।

गंगाजल से छिड़काव बनाएगा ग्रह-नक्षत्र को मजबूत

सूर्यग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण के तुरंत बाद घर की साफ-सफाई करें और स्नान करें। फिर पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करें और नए वस्त्र धारण करें। ग्रहण काल में अगर आपने कोई दान देने वाली वस्तु रखी थी तो उसका दान करें। सायंकाल के समय मंदिर मे जाकर ईश्वर के दर्शन करें। ऐसा करने से आपकी सभी समस्याएं दूर होंगी और ग्रह-नक्षत्रों का भी शुभ फल प्राप्त होगा व कुंडली में स्थिति मजबूत होती है।

चमेली के तेल का दीपक दिलाएगा ग्रहण के अशुभ प्रभाव से मुक्ति

सूर्यग्रहण के बाद चमेली के तेल का दीपक जलाएं और पूरे घर में गुग्गल का धुंआ करें। ऐसा करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव दूर हो जाएगा। मंत्रों का भी हमारे जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है, इसलिए ग्रहण काल के दौरान सूर्य मंत्र या इष्टदेवों का मंत्र जप कर सकते हैं। ऐसा करने से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं और ग्रहण के अशुभ प्रभाव से मुक्त कर देते हैं।