Navratri 2021 : जौ के माध्यम से भविष्य का संकेत देती है देवी मां, जानें क्या कहता हैं इनका रंग

मातारानी के पावन पर्व नवरात्रि के दौरान घरों में कलश स्थापना या घट स्थापना के साथ जौ बीजने का भी महत्व बताया गया हैं। कहा जाता है कि सृष्टि के निर्माण के समय धरती पर सबसे पहले जौ ही बोई गई थी। कई लोग अपने घरों में जौ बीजते हैं और मातारानी की सेवा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन जौ से मातारानी आपके आने वाले समय अर्थात भविष्य के शुभ-अशुभ होने का संकेत देती हैं। मान्‍यता है कि जौ के फलने-फूलने से घर में सुख-समृद्धि और हरियाली आती है। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह जौ का रंग देख आने वाले समय की कल्पना की जाती हैं।

- कहा जाता है कि अगर जौ अंकुरित ना हो तो सफलता के लिए इंताजर करना पड़ता है यानि आपको किसी कार्य में सफल होने के लिए समय लगेगा।

- कलश स्थापना के समय बोया हुआ जो नीचे से आधा पीला और ऊपर से हरा हो तो आने वाले साल का आधा समय दुखों से भरा रहेगा जबकि आधे साल खुशहाली आएगी।

- अगर जौ का रंग नीचे से हरा और ऊपर से पीला हो तो आने वाला समय अच्छा होगा लेकिन बाद में कुछ परेशानियां झेलनी पड़ेगी।

- जौ का रंग सफेद या हरा रंग हो तो समझ लें कि नवरात्रि की पूजा सफल हो गई। इसका मतलब है कि आने वाली समय में आप पर माता की कृपा बरसेगी।

- जौ सफेद-हरे रंग के हो तो समझ लें कि घर में शुभ समाचार या किसी सदस्य की तरक्‍की की खबर आने वाली है।

क्या करे अगर मिल जाए अशुभ संकेत?

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, अगर जौ का रंग कोई अशुभ संकेत दे तो मां दुर्गा की अराधना व हवन करना चाहिए। साथ ही गरीबों व कुंवारी कन्याओं को दान आदि देना चाहिए।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। lifeberrys हिंदी इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से संपर्क जरुर करें।)