20 जनवरी को है षट्तिला एकादशी व्रत, पूजन करने से समाप्त होते हैं सभी पाप, जानें तरीका

आने वाले सोमवार अर्थात 20 जनवरी 2020 को साल की पहली एकादशी आनी हैं। माघ मास की कृष्‍ण पक्ष की इस एकादशी को षट्तिला एकादशी के रूप में जाना जाता हैं। इस व्रत के पूजन से व्यक्ति के जीवन के सभी पाप का नाश होता हैं। इस दिन काले तिल से विष्णु जी का पूजन करने का महत्व ज्यादा होता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए षट्तिला एकादशी व्रत के पूजन का सही तरीका लेकर आए हैं ताकि आपको इसका पूरा फायदा मिल सकें। तो आइये जानते हैं पूजन के बारे में।

- पुष्य नक्षत्र में गोबर, कपास, तिल मिलाकर उनके कंडे बनाना चाहिए। उन कंडों से 108 बार हवन करना चाहिए।

- उस दिन मूल नक्षत्र हो और एकादशी तिथि हो तो अच्छे पुण्य देने वाले नियमों को ग्रहण करें।

- स्नानादि नित्य क्रिया से निवृत्त होकर सब देवताओं के देव श्री भगवान का पूजन करें और एकादशी व्रत धारण करें।

- रात्रि को जागरण करना चाहिए।

- उसके दूसरे दिन धूप-दीप, नैवेद्य आदि से भगवान का पूजन करके खिचड़ी का भोग लगाएं।

- तत्पश्चात पेठा, नारियल, सीताफल या सुपारी का अर्घ्य देकर स्तुति करनी चाहिए।

- हे भगवान! आप दीनों को शरण देने वाले हैं, इस संसार सागर में फंसे हुओं का उद्धार करने वाले हैं। हे पुंडरीकाक्ष! हे विश्वभावन! हे सुब्रह्मण्य! हे पूर्वज! हे जगत्पते! आप लक्ष्मीजी सहित इस तुच्छ अर्घ्य को ग्रहण करें।

- इसके पश्चात जल से भरा कुंभ (घड़ा) ब्राह्मण को दान करें तथा ब्राह्मण को श्यामा गौ और तिल पात्र देना भी उत्तम है।

- तिल स्नान और भोजन दोनों ही श्रेष्ठ हैं।