अक्टूबर के इस आखिरी दिन में बन रहे बेहद शुभ संयोग, ये 5 काम कर अपने जीवन में लाएं खुशियां

आज अक्टूबर महीने का आखिरी दिन हैं और इसी के साथ ही आज आश्विन माह का भी आखिरी दिन हैं। आज के दिन बेहद शुभ संयोग बन रहा हैं क्योंकि आज शाम तक शरद पूर्णिमा का पावन पर्व रहने वाला हैं और इसी के साथ ही सिद्धि योग जैसा महायोग भी है। ऐसे में आज का दिन बेहद शुभ और लाभकारी हैं। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं जिनकी मदद से आपको माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलने के साथ ही कई अन्य परेशानियों से छुटकारा मिलेगा। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।

आर्थिक समस्या होती है दूर

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 31 अक्टूबर की शाम तक पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसलिए महीने का अंतिम दिन शरद पूर्णिमा के शुभ संयोग में बीतेगा। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ सिद्धि योग बना रहेगा, जिसमें शुभ कार्य करना शुभ फलदायी होगा। अगर आप आर्थिक मामलों के काम करना चाहते हैं, जैसे नया कारोबार शुरू करना चाहते हैं, निवेश करना चाह रहे हों तो इस योग में ये काम करने आपको भविष्य में उसका लाभ होगा।

शनि दोष होता है दूर

शनिवार के दिन आश्विन पूर्णिमा के संयोग में महीने का समापन हो रहा है। ऐसे में शनिवार और पूर्णिमा के संयोग में पीपल की पूजा करना बहुत ही शुभ फलदायी होगा। पीपल की जड़ में पानी में दूध और गुड़ मिलाकर अर्पित करें और काले तिल से पीपल को तिल और जल अंजुली में लेकर अर्पित करें। साथ ही काली चींटियों को आटे में शक्कर मिलकर देने से शनिदोष और चंद्र दोष दूर होगा।

घर में सुख-शांति का होता है वास

शरद पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की पूजा करने के बाद कथा सुननी चाहिए। इसके साथ ही विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना शुभ फलदायी रहेगा। ऐसा करने से कई जन्मों के पाप कटित होते हैं और मृत्यु के बाद उत्तम लोक की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख-शांति का वास होता है और धन संबंधित समस्या का भी अंत होता है।

पितृदोष से मिलती है मुक्ति

पितरों के नाम से पीपल के पत्तों पर मिठाई रखकर उनका ध्यान करें। पितरों का पूजन करने से पितृदोष को अशुभ प्रभाव कम होता है और उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। साथ ही घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती। ध्यान रखें कि पूजन के बाद मिठाइयों को घर ना लाएं वहीं आसपास बांट दें।

महालक्ष्मी का मिलता है आशीर्वाद

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन महालक्ष्मी का पूजन के साथ कन्या पूजन करना विशेष फलदायी माना गया है। इसके लिए कुंवारी कन्याओं को घर पर निमंत्रण दें और उनको भोजन कराएं। इसके बाद सुहाग की सामग्री देकर विदा करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और महालक्ष्मी का घर में वास होता है।