आज शनिवार का दिन हैं जो कि शनिदेव को समर्पित होता हैं और आज के दिन की गई शनिदेव की पूजा उनका आशीर्वाद दिलाती हैं और आपके जीवन में खुशियों का आगमन लाती हैं। शनिदेव कर्मों के देवता हैं जो कर्म के अनुसार फल देते हैं। शनिदेव को प्रसन्न कर पूर्वजन्म के पापों की पीड़ा भी कम की जा सकती हैं। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए शनिवार को किए जाने वाले उपायों की जानकारी लेकर आए हैं जिनसे शनिदेव प्रसन्न होंगे। तो आइये जानते हैं इन उपयों के बारे में।
ये कर्म बनाते हैं शनिदेव की कृपा का पात्र
जातक कितना भी शनिदेव की पूजा कर ले लेकिन अगर वह मन में किसी के प्रति गलत भाव रखता है शनिदेव उसे कभी क्षमा नहीं करते। कहा जाता है कि शनि की पूजा भले ही न करें लेकिन कभी किसी का अहित न सोचें, गलत विचार मन में ना लाएं और किसी को परेशान करने से भी बचें। जरूरतमंदों और दिव्यांगों की मदद करें। इन कर्मों से शनिदेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और जातक की मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति करते हैं।
मन में हमेशा यह भाव रखें प्रबल
केवल शनिदोष की पीड़ा कम करने के आग्रह से ही नहीं बल्कि सामान्य दिनों में भी शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। उन्हें जीवन में सुख-शांति देने के लिए धन्यवाद देना चाहिए। साथ ही यह प्रार्थना करनी चाहिए कि वह अपनी कृपा ऐसे ही बनाए रखें और सभी बुरे कर्मों से दूर रखें। कभी समय खराब भी हो तो भी शनिदेव पर दृढ़ विश्वास रखें कि उनकी कृपा से सब अच्छा ही होगा। कहा जाता है कि यह विश्वास सभी दु:खों का अंत करता है।
इन चीजों का दान करना होता है अत्यंत शुभ
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, अगर आपकी कुंडली में शनिदोष हो तो कपास की चीजों का दान करना चाहिए। यानी कि रजाई और तकिया। मान्यता है कि इनके दान से शनिदेव अत्यंत प्रसन्न हैं। लेकिन ध्यान रखें कि दान हमेशा जरूरतमंद को ही दें अन्यथा इसका कोई फल नहीं मिलता। इसके अलावा शनिवार के दिन लोहे का दान करने से भी शनि महाराज की कृपा मिलती है। मान्यता है ऐसा करने से जीवन की सभी दु:ख दूर हो जाते हैं।
इस रंग का फूल भी दूर करता है सारे कष्ट
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, कुंडली में शनिदोष हो तो उसे दूर करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की नीले रंग के फूल से पूजा-अर्चना करें। उन्हें यह रंग अत्यंत प्रिय है इसलिए जो भी जातक शनिवार को दान-पुण्य करने के अलावा नीले रंग के फूल से शनिदेव की पूजा करता है उसपर वह अत्यंत प्रसन्न होते हैं। इसके फलस्वरूप वह जातक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
इस मंत्र का जप अत्यंत फलदायी
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर आप नियमित रूप से शनिदेव की पूजा नहीं कर पाते हैं तो शनिवार के दिन सुबह-सवेरे तेल दान करें। इसके अलावा शनिवार के ही दिन सुबह या शाम जो भी समय आपके लिए उपर्युक्त हो उस समय रुद्राक्ष की माला लेकर एक सौ आठ बार ‘ऊं शं शनैश्चराय नमः’ का जप करें। इससे जातक पर शनिदेव की कृपा होती है और सभी मनोरथों की सिद्धी होती है।