पितरों का आशीष दिलाएंगे सर्वपितृ अमावस्या पर किए गए ये धार्मिक पाठ

आश्विन मास की अमावस्या श्राद्ध पक्ष का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता हैं जिसे मोक्ष श्राद्ध अमावस्या के नाम से भी जाना जाता हैं। पितृपक्ष के इस आखिरी दिन पर जरूर श्राद्ध किया जाता हैं। खासतौर से अगर आपको अपने पूर्वजों की तिथि याद नहीं हैं तो अमावस्या को श्राद्ध किया जा सकता हैं ताकि पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहें। इसलिए ही इस दिन को सर्वपितृ अमावस्या के तौर पर भी जाना जाता हैं। इस दिन किए गए धार्मिक पाठ का भी विशेष महत्व माना जाता हैं जो आपको पितरों का आशीर्वाद दिलाते है। तो आइये जानते है कौनसे पाठ आपके ली लाभकारी साबित होंगे।

पितृ-सूक्तम्

पितृ-सूक्तम् अत्यंत चमत्कारी मंत्र-पाठ है। श्राद्ध पक्ष में पितृ-सूक्त का पाठ संध्या के समय तेल का दीपक जलाकर करने से पितृदोष की शांति होती है, शुभ फल की प्राप्ति होती है और सर्वबाधा दूर होकर उन्नति की प्राप्ति होती है। इसे ही पितृ शांति पाठ भी कहते हैं।

गीता पाठ

आप चाहे तो संपूर्ण गीता का पाठ करें या सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गीता के सातवें अध्याय का पाठ करने का विधान भी है।

पितृ देव चालीसा और आरती

हे पितरेश्वर आपको दे दियो आशीर्वाद। यह पितृ चालीसा पढ़ने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं।

रुचि कृत पितृ स्तोत्र

संपूर्व श्राद्ध पक्ष या सर्वपितृ अमावस्या को रूचि कृत पित्र स्तोत्र का पाठ भी किया जाता है। इसे ही पितृ स्तोत्र का पाठ भी कहते हैं। अथ पितृस्तोत्र।

गरुड़ पुराण

श्राद्ध पक्ष में गरुड़ पुराण के पाठ का भी आयोजन किया जाता है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन उसके श्राद्ध महामात्य से संबंधित पाठ को पढ़ा जाता है।

पितृ गायत्री पाठ

इस पाठ को पढ़ने से भी पितरों को मुक्ति मिलती है और वे हमें आशीर्वाद देते हैं। इस दौरान पितृ गायत्री मंत्र और ब्रह्म गायत्री मंत्र का भी जप करना चाहिए।

पितृ कवच का पवित्र पाठ

पितृ कवच पढ़ने से पितरों के आशीर्वाद के साथ ही उनकी सुरक्षा भी मिलती है। अपने पितरों को प्रसन्न करके उनका आशी‍ष पाना है तो श्राद्ध पक्ष के दिनों में अवश्य पढ़ें सर्व पितृ दोष निवारण 'पितृ कवच' का यह पावन पाठ।