Basant Panchami 2019: सरस्वती वंदना से करें बसंत पंचमी के दिन पूजा, मिलेगा माँ का आशीर्वाद

बसंत पंचमी का दिन माँ सरस्वती की पूजा के लिए जाना जाता है जो कि हर साल माघ शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन के महत्व इस तरह समझा जा सकता है कि शिशुओं को प्रथम अक्षर इसी दिन से सिखाना शुरू किया जाता है और ज्योतिष में इस दिन को सभी शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ माना गया है। ज्ञान और बुद्धि की देवी माँ सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है और माँ सरस्वती की वंदना का आव्हान किया जाता है। इसलिए आज हम आपके लिए सरस्वती वंदना और स्त्रोतम की जानकारी लेकर आए है।

* सरस्वती वंदना

या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवला या शुभ्र-वस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकर-प्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥

शुद्धां ब्रह्मविचार सारपरम- माद्यां जगद्व्यापिनीं, वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्, वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥

* सरस्वती स्तोत्रम्

श्वेतपद्मासना देवि श्वेतपुष्पोपशोभिता। श्वेताम्बरधरा नित्या श्वेतगन्धानुलेपना॥
श्वेताक्षी शुक्लवस्रा च श्वेतचन्दन चर्चिता। वरदा सिद्धगन्धर्वैर्ऋषिभिः स्तुत्यते सदा॥
स्तोत्रेणानेन तां देवीं जगद्धात्रीं सरस्वतीम्। ये स्तुवन्ति त्रिकालेषु सर्वविद्दां लभन्ति ते॥
या देवी स्तूत्यते नित्यं ब्रह्मेन्द्रसुरकिन्नरैः। सा ममेवास्तु जिव्हाग्रे पद्महस्ता सरस्वती॥
॥इति श्रीसरस्वतीस्तोत्रं संपूर्णम्॥