संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य में अब सुधार देखा जा रहा है। बीते दिनों उनके स्वास्थ्य को लेकर फैली अफवाहों के बीच, महाराज ने सोमवार को राधा केली कुंज आश्रम से बाहर आकर भक्तों को दर्शन दिए। हजारों श्रद्धालु उनके दर्शन कर भावुक हो गए और “राधे राधे” के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। आपको याद दिला दें कि महाराज की पदयात्रा अचानक रुक जाने से उनके अनुयायी चिंतित और उदास हो गए थे। स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण महाराज पिछले कुछ दिनों से पदयात्रा पर नहीं निकले थे।
पद्यात्रा के स्थगन और आश्रम की ओर से संदेशमहाराज प्रेमानंद के अनुयायियों ने बताया कि 4 अक्टूबर से उनकी पदयात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई थी, ताकि उन्हें पर्याप्त आराम मिल सके। इसके अलावा, आश्रम की ओर से 8 अक्टूबर को जारी किए गए संदेश में स्पष्ट किया गया था, उनका स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक है। कृपया उनके बारे में कोई भी भ्रामक खबर या वीडियो साझा न करें। गुरुदेव अपनी दैनिक दिनचर्या में हैं। केवल प्रातः कालीन पदयात्रा अनिश्चित काल के लिए स्थगित की गई है।
सोशल मीडिया अफवाहों पर ध्यान न देंभक्तों ने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें महाराज जी के हाथ पर पट्टी बंधी हुई दिख रही है, वह तीन-चार साल पुराना है। इसलिए किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने या भ्रमित करने वाले संदेश पर विश्वास न करने की अपील की गई है।
भजन-कीर्तन और हवन यज्ञ से महाराज के स्वास्थ्य की कामनाप्रेमानंद महाराज के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए भक्त जगह-जगह भजन-कीर्तन कर रहे हैं। उनके लिए हवन यज्ञ भी आयोजित किए जा रहे हैं। मंगलवार को अजमेर के ख्वाज़ा गरीब नवाज की दरगाह में चादर चढ़ाकर महाराज के दीर्घायु और स्वास्थ्य लाभ की दुआ की गई।
गुरु शरणानंद का आश्रम में आगमनस्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बीच, रमणरेती महावन के प्रमुख संत गुरु शरणानंद कुछ दिन पहले केली कुंज आश्रम पहुंचे। गुरु शरणानंद महाराज को देखते ही प्रेमानंद ने उन्हें साष्टांग दंडवत प्रणाम किया और फिर अपनी गद्दी पर बिठाया। गुरु शरणानंद आध्यात्मिक ज्ञान और करुणा के प्रतीक माने जाते हैं और वे प्रेमानंद महाराज के आध्यात्मिक गुरु भी हैं।
स्वास्थ्य और चिकित्सीय जानकारीमहाराज प्रेमानंद को पॉलीसिस्टिक किडनी की बीमारी है, जिसके बारे में उन्हें 2006 में पता चला था। वर्तमान में वे राधा केली कुंज आश्रम में ही हैं, जहां उनका नियमित डायलिसिस किया जा रहा है और उनकी देखभाल पूरी तरह से की जा रही है।
भक्तों का मानना है कि अब जब महाराज स्वस्थ हो रहे हैं, तो जल्द ही उनकी पदयात्रा पुनः शुरू हो सकती है और उन्हें देखने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगेगी।