आज संकष्टी चतुर्थी के साथ बुधवार का शुभ संयोग, जानें पूजन समय और पूर्ण व्रत विधि

आज 12 फरवरी 2020 को फाल्गुन मास की चतुर्थी तिथि है जिसे संकष्टी चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता हैं और यह गणपति जी को समर्पित होती हैं। आज साथ में बुधवार होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। आज के दिन किया गया श्री गणेश का व्रत-पूजन व्यक्ति के जीवन से कष्‍टों को दूर करता हैं। संकष्टी चतुर्थी के दिन सूर्योदय से चंद्रोदय होने तक उपवास रखा जाता हैं। संकष्टी चतुर्थी की तिथि का प्रारंभ बुधवार, 12 फरवरी 2020, 02:52 तडके से शुरू होकर चंद्रोदय रात्रि 09:37 मिनट पर होगा तथा चतुर्थी तिथि की समाप्ति रात्रि 11:39 मिनट पर होगी। तो आइये जानते हैं इस संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूर्ण विध के बारे में।

- चतुर्थी के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

- इस दिन व्रतधारी लाल रंग के वस्त्र धारण करें।

- श्री गणेश की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रखें।

- तत्पश्चात स्वच्छ आसन पर बैठकर भगवान गणेश का पूजन करें।

- फल, फूल, रौली, मौली, अक्षत, पंचामृत आदि से श्री गणेश को स्नान कराके विधिवत तरीके से पूजा करें।

- गणेश पूजन के दौरान धूप-दीप आदि से श्री गणेश की आराधना करें।

- श्री गणेश को फल, तिल से बनी वस्तुओं, लड्‍डू तथा मोदक का भोग लगाएं औा प्रार्थना करें कि 'ॐ सिद्ध बुद्धि सहित महागणपति आपको नमस्कार है। नैवेद्य के रूप में मोदक व ऋतु फल आदि अर्पित है।'

- सायंकाल में व्रतधारी संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा पढ़े अथवा सुनें और सुनाएं।

- चतुर्थी के दिन व्रत-उपवास रख कर चंद्र दर्शन करके गणेश पूजन करें।

- तत्पश्चात श्री गणेश की आरती करें।

- विधिवत तरीके से गणेश पूजा करने के बाद गणेश मंत्र 'ॐ गणेशाय नम:' अथवा 'ॐ गं गणपतये नम: का 108 बार अथवा एक माला करें।

- इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को दान करें।