जब किसी व्यक्ति का समय खराब चल रहा होता है तो आपके अक्सर सुना होगा की उसकी कुंडली में दोष की वजह से ऐसा हो रहा हैं। इंसान की कुंडली में कई तरह के दोष के उत्पन्न होने के कारण कई तरह की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। ऐसा ही एक दोष हैं कालसर्प दोष जिसकी वजह से मनुष्य की जिंदगी में समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जो आपकी कुंडली में उत्पन्न हुए इस कालसर्प दोष का निवारण करें। तो आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।
* किसी भी शुभ तिथि पर सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि के बाद शिव मंदिर में शिवलिंग पर तांबे का नाग चढ़ाएं।
* बाजार में किसी भी सोने-चांदी के व्यापारी से चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा खरीदें और उस जोड़े को नदी में बहा दें। साथ ही, इष्टदेव से कालसर्प दोष का अशुभ असर दूर करने की प्रार्थना करें।
* हर रोज शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय ऊॅं नम: शिवाय मंत्र का जप करें। जप की संख्या कम से कम 108 होगी तो श्रेष्ठ रहेगा। किसी गरीब व्यक्ति को कला कंबल, काली उड़द का दान करें।
* गरीब व्यक्ति का अनादर न करें और जरूरतमंद की मदद जरूर करें। हर शनिवार काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। यदि काला कुत्ता न मिले तो किसी दूसरे कुत्ते को भी रोटी खिला सकते हैं।
* काले पत्थर की नाग देवता की एक प्रतिमा बनवा कर उसकी किसी मन्दिर में प्रतिष्ठा करवा दें।
* तांबे के धातु की एक सर्पमूर्ति बनवाकर अपने घर के पूजास्थल में स्थापित करें और एक वर्ष तक नित्य उसका पूजन करने के बाद उसे किसी नदी/तालाब इत्यादि में प्रवाहित कर दें।
* श्रावण कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि अर्थात नागपंचमी को उपवास रखें और उस दिन सर्पाकार सब्जियां खुद न खाकर, न अपने हाथों काटकर बल्कि उनका किसी भिक्षुक को दान करें।
* प्रत्येक मास के ज्येष्ठ सोमवार (सक्रान्ति के बाद आने वाला प्रथम सोमवार) के दिन शिवलिंग पर चाँदी के सर्पों की एक जोडी चढाते रहें।