Ganesh Chaturthi 2018 : प्रत्येक यज्ञ में गणेश जी की सबसे पहले पूजा होती है, लेकिन क्यों आइये जानें

गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi का पर्व पूरे देश में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं। इस बार यह पर्व 13 सितम्बर, गुरुवार को मनाया जा रहा हैं। इस दिन से लेकर अगले 10 दिन तक श्री गणेशजी की पूजा-अर्चना की जाती हैं। वैसे तो हमेशा ही सबसे पहले गणेश जी की ही पूजा की जाती हैं। लेकिन क्या आप इसके पीछे का कारण जानते हैं कि क्यों सभी पूजा में सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा की जाती हैं। आइये बताते हैं इसके पीछे की कथा के बारे में।

पूर्वकाल में पार्वती देवी को देवताओं ने अमृत से तैयार किया हुआ एक दिव्य मोदक दिया। मोदक देखकर दोनों बालक (कार्तिकेय तथा गणेश) माता से माँगने लगे। तब माता ने मोदक के महत्व का वर्णन कर कहा कि तुममें से जो धर्माचरण के द्वारा श्रेष्ठता प्राप्त करके सर्वप्रथम सभी तीर्थों का भ्रमण कर आएगा, उसी को मैं यह मोदक दूँगी।

माता की ऐसी बात सुनकर कार्तिकेय ने मयूर पर आरूढ़ होकर मुहूर्तभर में ही सब तीर्थों का स्नान कर लिया। इधर गणेश जी का वाहन मूषक होने के काराण वे तीर्थ भ्रमण में असमर्थ थे। तब गणेशजी श्रद्धापूर्वक माता-पिता की परिक्रमा करके पिताजी के सम्मुख खड़े हो गए।

यह देख माता पार्वतीजी ने कहा कि समस्त तीर्थों में किया हुआ स्नान, सम्पूर्ण देवताओं को किया हुआ नमस्कार, सब यज्ञों का अनुष्ठान तथा सब प्रकार के व्रत, मन्त्र, योग और संयम का पालन- ये सभी साधन माता-पिता के पूजन के सोलहवें अंश के बराबर भी नहीं हो सकते।
इसलिए यह गणेश सैकड़ों पुत्रों और सैकड़ों गणों से भी बढ़कर है। अतः यह मोदक मैं गणेश को ही अर्पण करती हूँ। माता-पिता की भक्ति के कारण ही इसकी प्रत्येक यज्ञ में सबसे पहले पूजा होगी।